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    फाग डिवाइस के बावजूद ट्रेनों का परिचालन हो रहा प्रभावित, कोहरे से धीमी हुई ट्रेनों की रफ्तार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 03 Dec 2019 12:30 PM (IST)

    ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन में मुगलसराय मंडल ने पहला स्थान हासिल किया लेकिन कोहरे को भेदकर समय से ट्रेनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है।

    फाग डिवाइस के बावजूद ट्रेनों का परिचालन हो रहा प्रभावित, कोहरे से धीमी हुई ट्रेनों की रफ्तार

    चंदौली, जेएनएन। ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन में मुगलसराय मंडल ने पहला स्थान हासिल किया लेकिन कोहरे को भेदकर समय से ट्रेनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है। कोहरे में ट्रेनों के परिचालन को सुचारु बनाए रखने के लिए विकसित फाग डिवाइस के कारण सिग्नल की लोकेशन तो लोको पायलट को सटीक मिल रही है लेकिन एहतियातन ट्रेनों की रफ्तार कम कर देने से कई  ट्रेनें घंटों विलंब से जंक्शन पर पहुंच रही हैं। यात्री जंक्शन पर ही ठिठुर कर रात गुजारने को विवश हैं। सोमवार को आधा दर्जन ट्रेनें दो से पांच घंटे विलंब से जंक्शन पर पहुंची। वहीं अप व डाउन की बरकाकाना पैसेंजर को आठ और डाउन की वाराणसी-बक्सर पैसेंजर को सात दिसंबर तक के लिए निरस्त कर दिया गया। इसके अलावा कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया।

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    पीडीडीयू जंक्शन से रोजाना सैकड़ों की संख्या में ट्रेनें गुजरती हैं। महत्वपूर्ण जंक्शन होने से यहां से देश के कोने कोने में जाने के लिए ट्रेनें आसानी से मिल जाती हैं। यही वजह है कि वाराणसी सहित अन्य जनपदों से भी लोग जंक्शन पर ट्रेन पकडऩे के लिए आते हैं। हर वर्ष ठंड के मौसम में कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो जाती है। स्थिति यह हो जाती है कि सुबह आने वाली ट्रेनें देर रात को जंक्शन पर पहुंचती हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए रेलवे ने ट्रेनों में फाग डिवाइस लगाने का निर्णय लिया था। डिवाइस में यह फीड कर दिया जाता है कि कितनी दूरी पर कौन सी क्राङ्क्षसग है, कितनी दूरी पर सिग्नल है। क्राङ्क्षसग या सिग्नल से करीब पांच सौ मीटर पहले डिवाइस लोको पायलट को सतर्क कर देती है। ऐसे में ²श्यता कम होने पर चालक सावधान हो जाएगा। चालक इंजन में इसको लगाकर सुरक्षित ट्रेनों का संचालन करते हैं। इससे कोहरे में किसी भी प्रकार के हादसे का डर नहीं रहता है ।

    इस बारे में पूर्व मध्‍य रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि फाग डिवाइस की गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। इससे सिग्नल की लोकेशन कोहरे में भी लोको पायलट को सटीक मिलती रहती है । वावजूद इसके ट्रैक पर अस्‍पृश्यता कम होने के कारण एहतियातन ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी जाती है। ताकि कोई ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में न आने पाए। चूंकि रफ्तार कम होने के कारण किसी भी ट्रैक से प्रति घंटे गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या घट जाती है । इसलिए कुछ ट्रेनों को निरस्त करना पड़ रहा है।

    यह ट्रेनें रहीं निरस्त

    कोहरे के कारण ट्रेनों के निरस्त होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। डाउन की 53526 बरकाकाना पैसेंजर व अप की 53525 बरकाकाना पैसेंजर आठ दिसंबर तक और 63230 डाउन वाराणसी-बक्सर पैसेंजर सात दिसंबर तक निरस्त रहेगी। वहीं सोमवार को अप 13005 अमृतसर मेल, अप 63229 बक्सर-वाराणसी पैसेंजर निरस्त रही।

    ये ट्रेनें रहीं विलंबित

    डाउन की तरफ जाने वाली 14056 ब्रह्मपुत्र मेल दो घंटे, 12502 डाउन पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस दो घंटे, 20802 मगध एक्सप्रेस दो घंटे, 12578 बागमती एक्सप्रेस तीन घंटे, 12308 जोधपुर एक्सप्रेस तीन घंटे, 13238 कोटा-पटना एक्सप्रेस चार घंटे, 12506 नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस तीन घंटे और अप की 13483 फरक्का एक्सप्रेस पांच घंटे विलंब से जंक्शन पर पहुंची।