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    मकर संक्रांति 2022 : दिमाग से बाहर खिचड़ी पकाने का अपना ही फायदा, सेहत भी रहेगी दुरुस्‍त

    मकर संक्रांति 2022 जनवरी माह में 14 या 15 की तिथि को ही मनाया जाता है। इस दिन देश में अलग अलग समुदायों के लोग इसे अलग -अलग रूपों में मान्‍यताओं के अनुरूप मनाते हैं। इस दिन तिल चावल उड़द दाल और गुड़ का सेवन विभिन्‍न तरीके से करते हैं।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 15 Jan 2022 01:28 PM (IST)
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    मकर संक्रांति पर तिल, चावल, उड़द दाल और गुड़ का सेवन विभिन्‍न तरीके से करते हैं।

    वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। मकर संक्रांति अब प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में 14 या 15 की तिथि को ही मनाया जाता है। इस दिन देश में अलग अलग समुदायों के लोग इसे अलग -अलग रूपों में मान्‍यताओं के अनुरूप मनाते हैं। इस दिन तिल, चावल, उड़द दाल और गुड़ का सेवन विभिन्‍न तरीके से करते हैं। इन सभी सामग्रियों में सबसे ज्यादा महत्व इस दिन तिल को देने की महत्‍ता उत्‍तर भारत में है। इस दिन कुछ अन्य चीज भले ही न खाएं किन्तु किसी न किसी रूप में खिचड़ी के साथ तिल अवश्य खाया जाता है। कई जगहों पर इस दिन को तिल के महत्व के कारण मकर संक्रांति पर्व को तिल संक्राति के नाम का नाम भी दिया गया है। मंकर संक्रांति में जिनको खाने में शामिल किया जाता है उसके पीछे आध्यात्मिकता संग चिकित्सकीय वजह भी शामिल है। इस दिन खाये जाने वाले पदार्थ पौष्टिक होने के साथ शरीर को भी सर्दी के मौसम में काफी गर्म रखते हैं।

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    इस बाबत वाराणसी में चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार हेमंत ऋतु के बाद शिशिर ऋतु का प्रारंभ होता है जिसमे ठंडी हवा, वर्षा का प्रकोप होता है तथा वायु के कारण शरीर में रूखापन बढ़ता है। इस समय ऐसे पदार्थ का सेवन करना चाहिए जो स्निग्ध, गुरु और वात नाशक हो तथा गर्म तासीर का भी हो। 

    तिल खाने के फायदे-

    1. तिल में तेल यानि वसा की प्रचुरता रहती है और इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व भी पाये जाते हैं।

    2. तिल में सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसे जब गुड़ में मिलाकर खाते हैं तो इसके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े फायदे और भी बढ़ जाते हैं। 

    3. प्रारंभिक तौर पर गुड़ की तासीर गर्म मानी गई है। तिल और गुड़ मिलाकर जो व्यंजन बनते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं।

    4. आयुर्वेद में औषधि के रुप में काले तिलों से प्राप्त तेल को सबसे उत्तम माना गया है। 

    5. तिल प्रकृति से मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, गर्म तासीर, कफ तथा पित्त को कम करने वाली, बलदायक, बालों के लिए हितकारी, स्पर्श में शीतल, त्वचा के लिए लाभकारी, दूध को बढ़ाने वाली, घाव भरने में लाभकारी, दांतों को उत्तम करने वाली, मूत्र का प्रवाह कम करने वाली होती है।

    6. तिल तेल मधुर, पित्तकारक, वातशामक, सूक्ष्म, गर्म, स्निग्ध, पथ्य तथा तीखा होता है।

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    गुड़ के फायदे

    1. शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद होता है।

    2. गुड़ की तासीर गरम होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में करने की सलाह चिकित्‍सकों द्वारा दी जाती है।

    3. यह कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों में समृद्ध होता है।

    4. गुड़ त्वचा और शरीर के हर हिस्से को पोषण प्रदान करने में मदद करता है।

    उड़द के फायदे

    1. उड़द की दाम की प्रकृति मधुर और गर्म तासीर की होती है।

    2. उड़द की दाल वात कम करने वाली, शक्तिवर्द्धक, खाने में रुचि बढ़ाने वाली, कफ पित्त वर्धक, शुक्राणु बढ़ाने वाली, वजन बढ़ाने वाली, रक्तपित्त के प्रकोप को कम करने वाली, मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद, तथा परिश्रम करने वालों के लिए उपयुक्त आहार होता है।

    3. उड़द की डाल नपुंसकता में भी काफी फायदेमंद मानी गई है।