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Food Of Makar sankranti : मकर संक्रांति पर खाये जाने वाले पदार्थ होते हैंं सेहत का अनोखा खजाना

मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को पड़ रही है। मगर संक्रांति पर भोजन के अनोखे तौर तरीकों के प्रयोग का विधान है। इसमें चावल काला उरद पापड़ दही गुड़ पापड़ अचार तिल मूंगफली और देसी घी आदि का प्रयोग खूब किया जाता है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 12:28 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 05:40 PM (IST)
Food Of Makar sankranti : मकर संक्रांति पर खाये जाने वाले पदार्थ होते हैंं सेहत का अनोखा खजाना
खचड़ी के चार यार माने गए हैं जिनमें दही, पापड़, गुड और अचार प्राथमिक माने गए हैं।

वाराणसी, जेएनएन। मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को पड़ रही है। मगर संक्रांति पर भोजन के अनोखे तौर तरीकों के प्रयोग का विधान है। इसमें चावल, काला उरद, पापड़, दही, गुड़, पापड़, अचार, तिल, मूंगफली और देसी घी आदि का प्रयोग खूब किया जाता है। हालांं‍कि, खचड़ी के चार यार माने गए हैं जिनमें दही, पापड़, गुड और अचार प्राथमिक माने गए हैं। 

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भारतीय परंपराओं में दान के अलावा स्‍नान और भोजन में भी सार्थक बदलाव मकर संक्रांति लेकर आता है। इस दिन किए जाने वाले भोजन का भी शरीर के लिए बेहतर महत्‍व है। ठंड लगने से शरीर में भोजन का चयपचय भी प्रभावित हो जाता है। ऐसे में मकर संक्रांति पर किए जाने वाले भोजन से शरीर को विशेष लाभ माना गया है।

मकर संक्रांति प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन देश भर में अलग अलग समुदायों के लोग अलग-अलग रूपों में तिल, चावल, उड़द की दाल एवं गुड़ का सेवन करते हैं। इन सभी सामग्रियों में सबसे ज्यादा महत्व तिल का दिया गया है। इस दिन कुछ अन्य चीज भले ही न खाएं किन्तु किसी न किसी रूप में तिल अवश्य खाया जाता है।

कई जगहों पर इस दिन को तिल के महत्व के कारण मकर संक्रांति पर्व को तिल संक्राति के नाम से भी पुकारा जाता है। मंकर संक्रांति में जिन चीज़ों को खाने में शामिल किया जाता है उसके पीछे आध्यात्मिक के साथ चिकित्सकीय कारण भी है। इस दिन खाये जाने वाले पदार्थ पौष्टिक होने के साथ ही साथ शरीर को गर्म रखने वाले पदार्थ भी हैं।

चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार ने बताया की आयुर्वेद के अनुसार हेमंत ऋतु के बाद शिशिर ऋतु का प्रारंभ होता है जिसमे ठंडी हवा, वर्षा का अधिक प्रकोप होता है तथा वायु के कारण शरीर में रूखापन बढ़ता है। इस समय ऐसे पदार्थ का सेवन करना चाहिए जो स्निग्ध, गुरु और वात नाशक हो तथा गर्म तासीर का हो।

तिल के फायदे

1-  तिल और मूंंगफली में तेल की प्रचुरता रहती है और इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्‍व पाये जाते हैं।

2- तिल में सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसे जब गुड़ में मिलाकर खाते हैं तो इसके हेल्थ बेनिफिट्स और बढ़ जाते हैं।

3- गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं।

4- आयुर्वेद में औषधि के रुप में काले तिलों से प्राप्त तेल अधिक उत्तम समझा जाता है।

5- तिल प्रकृति से मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, गर्म तासीर की, कफ तथा पित्त को कम करने वाली, बलदायक, बालों के लिए हितकारी, स्पर्श में शीतल, त्वचा के लिए लाभकारी, दूध को बढ़ाने वाली, घाव भरने में लाभकारी, दांतों को उत्तम करने वाली, मूत्र का प्रवाह कम करने वाली होती है।

6- तिल तेल मधुर, पित्तकारक, वातशामक, सूक्ष्म, गर्म, स्निग्ध, पथ्य तथा तीखा होता है।

गुड़ के फायदे-

1- शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।

2- गुड़ की तासीर गरम होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में करने की सलाह दी जाती है।

3- यह कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों में समृद्ध होता है।

4- गुड़ त्वचा और शरीर के हर हिस्से को पोषण प्रदान करने में मदद करता है।

उड़द के फायदे-

1- उड़द प्रकृति से मधुर, गर्म तासीर की होती है।

2- उड़द की दाल वात कम करने वाली, शक्तिवर्द्धक, खाने में रुची बढ़ाने वाली, कफपित्तवर्धक, शुक्राणु बढ़ाने वाली, वजन बढ़ाने वाली,रक्तपित्त के प्रकोप को कम करने वाली, मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद, तथा परिश्रम करने वालों के लिए उपयुक्त आहार होता है।

3- उड़द की डाल नपुंसकता में भी फायदेमंद होती है।

दही के फायदे-

1- दही में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 

2- दही पीने से कब्ज की समस्‍या खत्‍म होती है। 

3- दही पीने से पाचन क्षमता बढती है और भूख लगती है। 

4- सर्दी और खांसी के कारण संक्रमण से बचने के लिए दही का सेवन किया जाता है। 

5- मुंह के छालों के लिए दही से कुल्ला करने पर छाले समाप्त होते हैं। 

6- दही के सेवन से हार्ट और कोलेस्ट्रोल को नियंं‍त्रित किया जा सकता है। 

7- चेहरे पर दही लगाने से त्वचा में निखार आता है।

अचार खाने के फायदे

1- अचार से गर्भावस्था के दौरान होने वाली कमजोरी में राहत मिलती है।

2. कैलोरी और अचार के मसाले फैट को टुकड़ों में बांटते हैं।

3. एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर को फ्री-रेडिकल्स से सुरक्षित रखता है।

4- मधुमेह में अचार खाना फायदेमंद माना गया है।

5- अचार विटामिन के के बेहतर स्राेत हैं और ब्लड क्लॉटिंग में राहत देता है।

6. अचार खाने से चयपचय फाइबर की मदद से बेहतर होता है।

देसी घी का फायदा

1- मानसिक रोगों में फायदेमंद माना गया है

2- बुखार में ज्‍वररोधी गुण

3- वात के विकास को कम पाचन में मदद

4- शारीरिक कमजोरी दूर करने में सहायक

5- सर्दी और खांसी में फायदेमंद

6- शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार

7- क्षय रोग में लाभदायक

पापड़ खाने के फायदे

1- पापड़ को भोजन करने के अंत में खाया जाता है क्‍योंकि पापड़ सुपाच्य है

2- गरिष्ठ भोजन यानि हाई कैलरी फूड या बहुत तला-भुना और मसालेदार भोजन पचाने में मददगार

3- पापड़ के मसाले चावल और दाल, नमक, तेल सभी सेहत के लिए फायदेमंद हैं

4- तले से बेहतर भुने पापड़ माने गए हैं

मूंगफली के फायदे 

1- शरीर के कोशिका निर्माण में सहायक

2- हृदय रोगों से सुरक्षा में सहायक

3- दिमाग को सक्रिय रखने में मददगार

4- स्किन को चमकदार बनाए रखने में सहायक

5- पाचन शक्ति को मजबूत करने में मददगार

6- जिंक की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सहायक


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