कांग्रेस ने वीडियो जारी कर पूछा - "वाराणसी में कोडीन सिंडिकेट को कौन संरक्षण दे रहा है?"
कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर कोडीन युक्त कफ सीरप मामले में सरकार पर माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत कई जांच एजे ...और पढ़ें

कांग्रेस की ओर से ढाई मिनट का वीडियो जारी कर कोडीन कफ सीरप प्रकरण पर सरकार को घेरा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कांग्रेस की ओर से गुरुवार को एक ढाई मिनट का वीडियो जारी कर कोडीन युक्त कफ सीरप मामले पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया है। आरोप लगाया गया है कि कफ सीरप माफिया पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। इस वीडियो में केंद्र और राज्य सरकार को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं। इस वीडियो में कई सियासी चेहरों को शामिल करते हुए उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाया है।
देशभर में कोडीन युक्त कफ सीरप के अवैध कारोबार को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं। वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र और गाजीपुर के साथ-साथ लखनऊ और नोएडा और दूसरे अन्य राज्यों में भी इस मामले की गहरी जड़ें सामने आई हैं। इस स्थिति के चलते राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है।
सरकार द्वारा जांच के आदेश जारी करने के बावजूद मुख्य आरोपित के सामने नहीं आने से विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। इसी संदर्भ में, कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें सरकार से सवाल किया गया है कि "वाराणसी में कोडीन सिंडिकेट को कौन संरक्षण दे रहा है?" इस वीडियो की अवधि लगभग 2.31 मिनट है, जिसमें कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कोडीन युक्त कफ सीरप का अवैध कारोबार एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि समाज में भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। इस मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं कर रही है और मुख्य आरोपितों को बचाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस के नेता इस वीडियो में यह भी कहते हैं कि यदि सरकार सच में इस सिंडिकेट के खिलाफ है, तो उसे तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपितों को सामने लाना चाहिए। उनका कहना है कि यह मामला केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं विभिन्न विपक्षी दलों की ओर से सरकार को इस प्रकरण पर घेरने का प्रयास किया जा रहा है। आरोप है कि सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों की इस अवैध कारोबार के मामले में संलिप्तता है।
वाराणसी में कोडीन युक्त कफ सीरप के अवैध कारोबार के खिलाफ स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। अधिकारियों ने इस मामले में कई जगहों पर छापेमारी की हैं और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। हालांकि, इस कार्रवाई के बावजूद, मुख्य आरोपितों का अभी तक पकड़ा जाना बाकी है, जिससे सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से सक्षम है।
कोडीन युक्त कफ सीरप के अवैध कारोबार की जांच और इसके खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के बीच राजनीतिक माहौल भी गरमाया हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और विपक्ष के आरोपों का कैसे जवाब देती है। कांग्रेस के इस वीडियो के जारी करने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोडीन युक्त कफ सीरप का मामला सियासी अधिक हो चुका है।
Who Is Protecting the Codeine Syndicate in Varanasi? pic.twitter.com/NaHAbHHYM8
— Congress (@INCIndia) December 25, 2025

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