वाराणसी में चर्च में गूंजे गीत, क्रिसमस पर लगे मेले, विविध आयोजनों से रही चर्च में रौनक
वाराणसी में ईसाई धर्मावलंबियों ने धूमधाम से क्रिसमस मनाया। चर्चों में सामूहिक प्रार्थनाएं हुईं और घरों में केक काटे गए। सुबह से ही चर्च में मेले जैसा ...और पढ़ें

चर्च को भव्य रूप से सजाया गया था, और लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। क्रिसमस का पर्व गुरुवार को ईसाई धर्मावलंबियों ने धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर विभिन्न चर्चों में सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया, जबकि घरों में लोगों ने केक काटकर इस पर्व का जश्न मनाया। चर्च में सुबह से ही मेले जैसा माहौल बना रहा।
बड़ी संख्या में स्थानीय नगरवासी और आसपास के लोग, विशेषकर युवक और युवतियां, चर्च में पहुंचकर प्रभु यीशु की झांकियों का अवलोकन कर रहे थे। इसके साथ ही, उन्होंने कैंडिल जलाकर और अपनी मन्नतों को लिखकर बाक्स में डालने का कार्य किया।
क्रिसमस के इस पावन अवसर पर चर्च में नोवेल प्रार्थना, उपदेश, बीमारों के लिए चंगाई प्रार्थना, पुनर्मिलन संस्कार और भजन कीर्तन का आयोजन दिनभर चलता रहा। सभी धर्मों के लोग चर्च में झांकी देखने के लिए पहुंचे, जहां चर्च के पादरी ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया। चर्च परिसर को झालर, गुब्बारे और विद्युत लारियों से भव्य तरीके से सजाया गया था।
ईसाई समुदाय का यह सबसे बड़ा पर्व क्रिसमस, पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। चर्च में उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और इस पर्व की खुशियों को साझा किया। इस दौरान, चर्च के वातावरण में एक विशेष आध्यात्मिकता का अनुभव किया गया, जो सभी उपस्थित लोगों को एकजुट करता है।
इस पर्व के दौरान, विशेष रूप से बच्चों में उत्साह देखने को मिला। उन्होंने रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर चर्च में भाग लिया और क्रिसमस के गीत गाए। चर्च में आयोजित कार्यक्रमों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए, जिससे यह पर्व और भी खास बन गया।
क्रिसमस का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है। इस दिन, लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां बांटते हैं और समाज में सद्भावना का संचार करते हैं।
वाराणसी में इस पर्व का आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी भव्यता के साथ हुआ, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ईसाई समुदाय अपनी धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने के लिए कितनी तत्परता से कार्यरत है। वाराणसी में क्रिसमस का पर्व एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक आयोजन के रूप में मनाया गया, जो सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना।

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