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    पीपीपी माडल पर 'औद्योगिक पार्क' निर्माण में बनारस से आगे निकले चंदौली व गाजीपुर, यहां कोई उद्यमी नहीं आया आगे

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 08 Sep 2023 11:10 AM (IST)

    Varanasi News औद्योगिक पार्क के निर्माण के लिए बनारस में अब तक दस एकड़ जमीन नहीं मिली। जमीन के अभाव में यहां पार्क निर्माण में किसी उद्यमी ने उत्सुकता ...और पढ़ें

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    पीपीपी माडल पर 'औद्योगिक पार्क' निर्माण में बनारस से आगे निकले चंदौली व गाजीपुर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    वाराणसी, विकास ओझा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर न्यूनतम दस एकड़ परिक्षेत्र में औद्योगिक पार्क विकसित करने को लेकर अब तक कोई खास उत्साह नहीं दिखा। वाराणसी में कोई उद्यमी औद्योगिक पार्क निर्माण के लिए अभी आगे नहीं आया है। उद्योग विभाग को अब वाराणसी मंडल में गाजीपुर व चंदौली से आस है। चंदौली में औद्योगिक पार्क के लिए दस एकड़ जमीन क्रय की जा चुकी है। उद्यमी को लगभग पचास एकड़ जमीन की तलाश है।

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    गाजीपुर में अब तक खरीदी जा चुकी है सात एकड़ जमीन

    गाजीपुर में एक उद्यमी की ओर से अब तक सात एकड़ जमीन क्रय की जा चुकी है। शेष तीन एकड़ और जमीन क्रय की कोशिश हो रही है। इस तरह वाराणसी मंडल में चंदौली व गाजीपुर में औद्योगिक पार्क की उम्मीद है। पीपीपी माडल पर औद्योगिक पार्क विकसित करने वालों को जमीन की उपलब्धता के बाद भूमि के स्वामित्व के लिए दस्तावेज के साथ आगणन जिला उद्योग केंद्र को 15 अक्टूबर तक उपलब्ध कराना है।

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    जांच पड़ताल के बाद स्वीकृति देगी कमेटी

    जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी जांच पड़ताल के बाद इसे स्वीकृति देगी। क्लस्टर आधारित औद्योगिक पार्कों के विकास से संबंधित प्रस्तावों को वरीयता देने की बात है। पार्क के लिए प्रस्तावित जमीन सरकार के पक्ष में बंधक रखी जाएगी। भूखंड आवंटन, संचालन व अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी प्रवर्तक की होगी। औद्योगिक पार्क में चाहारदीवारी, कंक्रीट रोड, नाली, बिजली, पेयजल व सीवेज के विकास की भी जिम्मेदारी निजी प्रवर्तक की होगी। पार्क तक पहुंच मार्ग का निर्माण राज्य सरकार कराएगी।

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    औद्योगिक पार्क में न्यूनतम 75 फीसद एमएसएमई यानी लघु, कुटीर, एवं मध्यम उपक्रम के लिए आवंटित करना होगा। निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने वालों को मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार एक फीसदी के ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएगी। बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने 2500 करोड़ रुपये का रिवाल्विंग फंड बना रखा है।