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    UP News: CBI के रडार पर बनारस रेल मंडल, दो इंजीनियरों समेत पांच पर मुकदमा

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 11:41 AM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस रेल मंडल में सीबीआई ने गति शक्ति योजना में भ्रष्टाचार के आरोप में सीनियर डीइएन समेत पांच कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपितों पर चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने छापेमारी कर कई लोगों से पूछताछ की और उनके मोबाइल जब्त किए। मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है।

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    सीनियर डीइएन कोआर्डिनेशन राकेश रंजन से उनके इसी बंगले में पूछताछ की गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वोत्तर रेल का बनारस रेल मंडल 10 माह बाद फिर से सीबीआइ के रडार पर आ गया है। गति शक्ति योजना में बनारस रेल मंडल के सीनियर डीइएन कोआर्डिनेशन राकेश रंजन, एसएसई अभिषेक गुप्ता व तीन रेल कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत छह धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सभी आरोपितों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं।

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    सोमवार रात सीबीआइ लखनऊ इकाई की एंटी करप्शन टीम ने राकेश रंजन को उनके सरकारी आवास (बंगला नंबर तीन) में रात नौ बजे नजरबंद कर पांच घंटे (रात दो बजे तक तक) तो मंगलवार को चार अन्य से दिन में डीआरएम कार्यालय में पूछताछ की।

    आरोपितों पर पद का दुरुपयोग करते हुए बड़े-बड़े ठेकों में चहेते ठेकेदारों से रुपये लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने का आरोप है। सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत आधा दर्जन धाराओं में नौ नामजद व अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की है जिसमें पांच आरोपित बनारस रेल मंडल के हैं।

    इससे पूर्व एक अक्टूबर 2024 को सीबीआइ ने इंजीनियरिंग विभाग के ही वरिष्ठ मंडल अभियंता सत्यम कुमार सिंह को गिरफ्तार कर दो लाख रुपये बरामद किए थे।

    सूत्राें के मुताबिक सीबीआइ के चार अधिकारी सोमवार रात नौ बजे सीनियर डीइएन कोआर्डिनेशन के आवास पर धमके तो उन्हें नजरबंद कर लिया। बंगले में किसी की आवाजाही पर रोक लगा दी।

    उनकी बेटी कोचिंग से लौटी तो उसे भी अंदर नहीं जाने दिया गया। परेशान बेटी ने पहले डायल 112 को फोन कर जानकारी दी। पुलिस पहुंची तो सीबीआइ की भनक लगते ही बैरंग हो ली। आरपीएफ पहुंची तो सच्चाई जानने के बाद उच्चाधिकारियों को जानकारी देने के बाद बैरंग हो ली। मंगलवार दोपहर में एक बजे सीबीआइ के चार अधिकारी डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव से बातचीत की फिर लौट गई।

    बनारस रेल मंडल के आरोपित

    • राकेश रंजन सीनियर डीइएन कोआर्डिनेशन।
    • मनीष आफिस सुपरिटेंडेंट डीआरएम आफिस।
    • अभिषेक गुप्ता एसएसई वर्क्स।
    • योगेश गुप्ता लिपिक लेखा विभाग।
    • सुशील कुमार राय वरिष्ठ लिपिक एइएन आफिस।

    एफआइआर में किसके ऊपर कितना गंभीर आरोप

    -एफआइआर के मुताबिक भदोही और वाराणसी में गति शक्ति परियोजना का जिम्मा प्रवीण कुमार सिंह और सिकंदर को मिला है। गलत बिल भुगतान के लिए मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के मालिक व ठेकेदार प्रवीण सिंह के कर्मचारी जिमी सिंह 27 जून को राकेश रंजन को दो लाख रुपये रिश्वत दी।

    एसएसई वर्क्स अभिषेक गुप्ता के बताए बैंक एकाउंट में 50 हजार रुपये जमा किए। डीआरएम आफिस के ओएस मनीष ने तीन जुलाई को ठेकेदार को सूचना दी कि तीन करोड़ के कार्य को अनुमोदित करा दिया है।

    ठेकेदार ने लाभ पहुंचाने के लिए लेखा विभाग में कार्यरत योगेश गुप्ता को गत सोमवार रिश्वत राशि देने का आदेश अपने कर्मचारी जिमि को दिया। सुशील कुमार राय भी रिश्वत की मांग कर रहे हैं। सभी आरोपितों की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।

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