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    महादेव के शहर में मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास पर बजट का ब्रेक, काम ठप; महाश्मशान का हाल देख नहीं होगा यकीन

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 03:35 PM (IST)

    महाश्मशान मणिकर्णिका-हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास कार्य को लेकर बड़ी खबर है। PM मोदी द्वारा जुलाई 2023 में शिलान्यास के बाद भी यह परियोजना अब तक अधूरी है। हरिश्चंद्र घाट पर 11 केवी लाइन शिफ्टिंग का काम अभी तक नहीं हुआ है जिसके कारण यह परियोजना छह महीने की देरी से पिछड़ गई है। इसके अलावा मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास में भी धन की कमी के कारण काम प्रभावित हुआ है।

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    मणिकर्णिका घाट पर निमार्ण कार्य बंद है। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास कार्य फिलहाल बंद है। शिलान्यास के 19 माह बाद भी कार्य को तेजी नहीं मिल सकी। कार्यदायी एजेंसी को मार्च तक इस कार्य को फाइनल करना था लेकिन अब असंभव दिख रहा है।

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    हरिश्चंद्र घाट पर 11 केवी लाइन शिफ्टिंग अब तक नहीं हुआ। एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि जिंदल ग्रुप के सामाजिक संस्था (जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन) की ओर से यूपीपीसीएल को बजट ही नहीं आवंटित किया गया। इस कार्य पर लगभग 84 लाख 88 हजार 454 रुपये खर्च होने हैं।

    इस माह अगर पैसा भी मिल जाएगा तो भी अब इस कार्य को छह माह देरी से रोका नहीं जा सकता है क्योंकि आगे बरसात व बाढ़ में कार्य बाधित होना लगभग तय है। हरिश्चंद्र घाट पर कार्यदायी एजेंसी की ओर से पचास प्रतिशत अब तक ओपेन एरिया में पाइलिंग हुआ है।

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    एजेंसी का यह भी कहना है कि इस घाट पर पाइलिंग समेत अन्य कार्य के लिए लाई गई मशीनों का किराया प्रतिमाह लगभग 16-17 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं। हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास पर कुल 24 करोड़ रुपये खर्च होने है। धनराशि जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन को खर्च करना है।

    कुछ यही हाल मणिकर्णिका घाट पर भी है। इस घाट के पुर्निवकास पर 19 करोड़ 88 लाख रुपये खर्च होेने हैं। रूपा फाउंडेशन को सीएसआर से यह धनराशि उपलब्ध करानी है। लेकिन धनराशि नहीं मिली। एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि अब तक सिर्फ एक करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं। इस घाट पर अब तक 40 प्रतिशत ही मलवा हटाया जा सका है। बजट के अभाव में कार्य सफर कर रहा है। ऐसी स्थिति में समय से कार्य पूर्ण कर पाना मुमकिन नहीं होगा।

    हरिश्चंद्र घाट पर नही हो रहा कार्य। जागरण


    प्रधानमंत्री ने 2023 को किया था शिलान्यास

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास का शिलान्यास सात जुुलाई, 2023 को किया था। इसके बाद से इस घाट को नव्य व भव्य बनाने की दिशा में कार्य शुरू हुआ। बाढ़ को देखते हुए महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के पुराने ले-आउट में बदलाव कर इसका बजट 19.88 करोड़ रुपये किया गया।

    हरिश्चंद्र घाट का निर्माण सड़क मार्ग से 1.8 मीटर ऊपर रखा गया है। सीढ़ियां भले ही डूब जाएं लेकिन हरिश्चंद्र घाट के शव स्थल तक पानी आसानी से नहीं पहुंच सकेगा। दाह संस्कार के अलावा घाट पर ही पंजीकरण कक्ष, सामुदायिक वेटिंग एरिया, हाल, सामुदायिक शौचालय, रैंप, स्टोर रूम, कोर्ट यार्ड, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, सड़़क आदि निर्माण होने हैं।

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    हरिश्चंद्र घाट

    • 13,250 वर्ग फीट क्षेत्र में होना है हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास
    • सड़क मार्ग से 1.8 मीटर ऊपर शवदाह स्थल, कवर्ड एरिया में जलेंगे शव
    • जिंदल ग्रुप सीएसआर फंड से निर्माण पर कुल खर्च करेगा 19.88 करोड़ रुपये
    • कार्यदायी संस्था ब्रिजटेक इंफ्राविज़न प्राइवेट लिमिटेड, नगर निगम के जिम्मे पर्यवक्षेण
    • डिजाइनर एडिफाइस(मुंबई)

    काशी के घाटों पर उमड़ी भीड़। जागरण


    मणिकर्णिका घाट 

    • 19 करोड़ 88 लाख रुपये रूपा फाउंडेशन सीएसआर फंड का करेगी खर्च
    • ऊर्जा एजेंसी बनाएगी अत्याधुनिक चिमनी
    • भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट
    • दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट
    • रत्नेश्वर महादेव समेत तीन मंदिरों का कायाकल्प भी
    • प्रथम तल कुल क्षेत्रफल 20, 200 वर्गफीट
    • कार्यदायी संस्था बीआइपीएल, नगर निगम नोडल
    • घाट पर एक साथ 32 शव एक साथ जल सकेंगे
    • खुले में जलते नहीं दिखेंगे शव, बनेंगे 32 क्रेमाटाेरियम