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    UP News: बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के खिलाफ विजलेंस जांच शुरू, आय से अधिक संपत्ति का है मामला

    Updated: Sat, 22 Mar 2025 09:36 AM (IST)

    यूपी के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में विजलेंस जांच शुरू हो गई है। सतर्कता अनुभाग ने विधायक उनकी पत्नी बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन मकान फ्लैट व्यवसायिक और कृषि जमीन की जानकारी मांगी है। जांच अधिकारी का नाम पद और मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

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    रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के खिलाफ विजलेंस जांच शुरू। जागरण

     जेपी पांडेय, जागरण वाराणसी। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के खिलाफ विजलेंस (सतर्कता अनुभाग) जांच शुरू हो गई है। सतर्कता अनुभाग ने महानिरीक्षक प्रयागराज को पत्र लिखकर विधायक, उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की जानकारी मांगी है। जांच अधिकारी का नाम, पद और मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

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    महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी सतर्कता अनुभाग को उपलब्ध कराए।

    शासन ने इस संबंध में स्थानीय स्तर पर भी सतर्कता अनुभाग को निर्देश दिया है, ताकि आसानी से संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा सके। हालांकि संपत्ति का ब्योरा किसी तिथि से देना है, आदेश में यह स्पष्ट नहीं है। बनारस में सभी उप निबंधन कार्यालय (रजिस्ट्री कार्यालय) ने संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।

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    साइबर अपराधी की जमानत कराई निरस्त, फर्जी जमानतदार गए जेल

    वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने जमानत पा चुके साइबर अपराधी की जमानत को अदालत में मजबूत पैरवी करके खारिज करा दिया। फर्जी जमानतदारों पर केस दर्ज करके गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। चौबेपुर थाना क्षेत्र के शिवदशा निवासी वंशनारायण सिंह के साथ अच्छी कमाई का लालच देकर साढ़े 11 लाख की साइबर ठगी हुई थी। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में 16 जुलाई 2022 को मुकदमा दर्ज किया था।

    आरोपियों को भेजा गया जेल। जागरण


    पुलिस ने 16 नवंबर 2022 को अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया। ठगी करने वाले देहरादून निवासी अंकित भारद्वाज को नौ जुलाई 2024 को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। उसने एक महीने के भीतर ही जमानत हासिल कर लिया। लोहता के धमरिया निवासी इकबाल और अब्दुल उसके जमानतदार बने।

    लोहता पुलिस ने सत्यापन किया तो पता चला कि दोनों जमानतदारों का नाम-पता फर्जी है। अंकित भारद्वाज ने जमानतदारों को रुपयों का लालच देकर धमरिया के सुहेल की मदद से जमानतदारों का फर्जी आधार बनवाकर कोर्ट में जमानत के लिए प्रस्तुत किया। जमानत के बाद अंकित ने उन्हें 25-25 हजार दिया।

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    जांच में जमानत लेने वालों को नाम धमरिया के अली हुसैन और शकील अहमद पता चला। इन दोनों के साथ ही अंकित भारद्वाज, सुहेल के खिलाफ लोहता पुलिस ने 24 अगस्त 2024 को मुकदमा दर्ज किया। अली हुसैन, शकील अहमद को गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया।

    साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर सतीश सिंह, श्याम लाल गुप्ता, अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार तिवारी की मजबूत पैरवी से अदालत ने अंकित भारद्वाज की जमानत रद कर दिया।

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