Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जन्म-मृत्यु पंजीयन के लिए आज से एसएमएस व्यवस्था खत्म, डिजिटल हस्ताक्षर से जारी होंगे प्रमाणपत्र

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 01 Feb 2020 01:13 PM (IST)

    नगर निगम सीएमओ कार्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ आज से पूरे देश में सीआरएस पोर्टल पर जन्म-मृत्यु का पंजीयन शुरू हो जाएगा।

    जन्म-मृत्यु पंजीयन के लिए आज से एसएमएस व्यवस्था खत्म, डिजिटल हस्ताक्षर से जारी होंगे प्रमाणपत्र

    वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम, सीएमओ कार्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ आज से पूरे देश में सीआरएस (सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पोर्टल पर जन्म-मृत्यु का पंजीयन शुरू हो जाएगा। एक फरवरी या उसके बाद जन्म-मृत्यु का पंजीयन कराने वाले को अब नगर निगम आकर प्रमाणपत्र लेना होगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले आवेदन प्राप्त होते ही विभाग की ओर से मैसेज जाता था और प्रमाणपत्र तैयार होने पर कोड के साथ भेजे मैसेज के आधार पर कोई भी व्यक्ति साइबर कैफे से प्रमाणपत्र डाउनलोड कर लेता था। इसमें प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारी का डिजीटल मुहर रहता था। अब अधिकारी के डिजीटल हस्ताक्षर से प्रमाणपत्र जारी होंगे। 

    नीति आयोग के निर्देश पर अधिक से अधिक लोगों का जन्म-मृत्यु पंजीयन सुनिश्चित कराने को यह व्यवस्था लागू की गई है। इससे देश की जनसंख्या का एक अनुमान भी लगाया जा सकता है। वहीं विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी। इस संबंध में स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल ने पत्र जारी कर नगर निगमों को हर हाल में एक फरवरी से सीआरएस पोर्टल पर पंजीयन कराने का निर्देश जारी किया है। 

    ये हैं दिक्कतें

    प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी और जन्म-मृत्यु पंजीयन के उप रिजस्ट्रार राम सकल यादव ने अपर जिला रजिस्ट्रार और मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर नई व्यवस्था से होने वाली दिक्कतों को अवगत कराया है। इसमें साफ्टवेयर पर लोड होने से काम का धीमा होना, किसी तरह के संशोधन की गुंजाइश कम होना, 21 दिन के अंदर हर हाल में प्रमाणपत्र जारी करना, प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं होना शामिल है। 

    सुविधाएं बढ़ाए बगैर सीआरएस पोर्टल पर किया जाएगा पंजीयन

    सीआरएस पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था शुरू करने के पहले नगर निगम को तीन कंप्यूटर के साथ तीन आपरेटरों की व्यवस्था करनी थी जो नहीं हुई। ऐसे में पुरानी व्यवस्था में ही काम करना होगा। इससे प्रमाणपत्र जारी करने में विभाग को समय लगेगा। आपरेटरों का कहना है कि पहले की व्यवस्था में एक दिन में तीन सौ प्रमाणपत्र जारी होते थे। अब सौ से अधिक पंजीयन कर पाना संभव नहीं होगा।