शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर केंद्रित समग्र स्वास्थ्य के लिए 5000 साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है आयुर्वेद
वाराणसी में ईएसआइसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय द्वारा स्वास्थ्य सेवा अभियान के दौरान राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया गया। वक्ताओं ने आयुर्वेद को 5000 साल पुरानी समग्र स्वास्थ्य पद्धति बताया जो शरीर मन और आत्मा को संतुलित करती है। 2016 से प्रति वर्ष धन त्रयोदशी के दिन आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है इस वर्ष यह 23 सितंबर को मनाया गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। ईएसआइसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के साथ ही उप क्षेत्रीय कार्लालय की ओर से 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वास्थ्य सेवा अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
इसके तहत अस्पताल के साथ ही अन्य स्थानों पर भी स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत अस्पताल में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस-2025 का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए’ था। कायर्क्रम की शुरुआत डीन प्रो. सेल्वा कुमार चेलैया ने भगवान धन्वतंरी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। वक्ताओं ने कहा कि आयुर्वेद का पहला उद्देश्य रहता है कि मनुष्य स्वस्थ रहे।
कहा कि आयुष मंत्रालय का गठन वर्ष 2014 में हुआ था और वर्ष 2016 से प्रति वर्ष धन त्रयोदशी के दिन आयुर्वेद दिवस मनाया जाता रहा है। धन त्रयोदशी की तिथि में बार-बार परिवर्तन होने के कारण इस वर्ष से आयुर्वेद दिवस का आयोजन अब 23 सितंबर को मनाया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभास कुमार राय व आयुर्वेद विभाग के सीएमओ डा. रुद्रभान यादव ने आयुर्वेद की उपयोगिता व महत्ता के बारे में बताया।
कहा कि सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद ही है। आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य के लिए एक 5000 साल पुरानी पद्धति है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर केंद्रित है। यह जड़ी-बूटियों, आहार, जीवनशैली में बदलाव, योग और ध्यान जैसी प्राकृतिक विधियों का उपयोग करती है, जिससे समग्र कल्याण और रोगों से बचाव होता है। आयुर्वेद का महत्व बीमारी के मूल कारण को समझने और व्यक्तिगत संरचना के अनुसार उपचार प्रदान करने में है, जिससे तनाव कम होता है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और जीवन की गुणवत्ता सुधरती है।
कार्यक्रम मेंं डा. आलोक कुमार चौधरी, डा. प्रशांत कुमार, संयुक्त निदेशक संजय कुमार, उप निदेशक (प्रशासन) प्रवीन कुमार सिंह, सहायक निदेशक संजीव कुमार शाही, अस्पताल प्रबंधक श्वेता त्रिपाठी के साथ ही अन्य अधिकारीगण, कर्मचारीगण व बीमित व्यक्ति उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों व संस्थानों में भी शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बीमित लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के साथ ही दवाएं भी वितरित की जा रही है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 2016 में इस अस्पताल को केंद्र के अधीन किया गया। इससे पहले यह राज्य के अधीन था। अब इसे मेडिकल कालेज भी बना दिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।