तकनीक का तमाशाः: ऑनलाइन विवाह पंजीकरण से हजारों परिवारों की 'इज्जत' खतरे में डाली
सरकार ने आधार आधारित विवाह सर्टिफिकेट की व्यवस्था से झूठे प्यार के जाल में फंसी हजारों युवतियों के परिवारों की 'इज्जत' खतरे में डाल दी है।
वाराणसी (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए तकनीक से कदमताल कर ऑनलाइन विवाह रजिस्ट्रेशन कराना अब गले की फांस बन गया है। हिंदू विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में सरकार ने आधार आधारित विवाह सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था कर दी है। इससे प्रेमजाल में फंसी हजारों युवतियों के परिवारों की 'इज्जत' खतरे में पड़ गई है।
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तकनीक के नफा नुकसान
दरअसल, तकनीक के फायदे होने के साथ कुछ नुकसान भी हैं। आइजीआरएसयूपी.जीओवी.इन वेबसाइट पर ऑनलाइन विवाह पंजीकरण के साथ दो आप्शन हैं। एक कार्यालय आधारित विवाह और दूसरा आधार आधारित विवाह है। आधार कार्ड आधारित ऑनलाइन विवाह के लिए युवक व युवती का सिर्फ आधार नंबर डालना होता है। आधार नंबर डालते ही संबंधित मोबाइल नंबरों पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आता है। ओटीपी नंबर डालते ही विवाह संबंधित ऑनलाइन सर्टिफिकेट मिल जाता है। यह मिनटों का खेल है। प्रेम जाल में फंसी युवतियां का मोबाइल और उनसे ओटीपी नंबर हासिल करना गलत नीयत लेकर बैठे युवकों के लिए कोई बड़ी बात नहीं।
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ब्लैकमेल करने का खेल
ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट जारी होने के बाद युवतियों को ब्लैकमेल करने का खेल शुरू हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस तरह के सबसे अधिक मामले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए हैं। इतना ही नहीं, हिंदू विवाह पंजीकरण के लिए जारी इस व्यवस्था में धर्म विशेष से जुड़े युवक-युवतियों के भी विवाह पंजीकरण के कई मामले सामने आए हैं।
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अधिकारी भी नाखुश
प्रदेश सरकार की व्यवस्था होने के कारण खुलकर कोई नहीं बोल रहा पर निबंधन कार्यालय से जुड़े अधिकारी आधार आधारित विवाह को लेकर क्षुब्ध हैं। उनका कहना है कि आनलाइन रजिस्टे्रशन के बाद कार्यालय आधारित विवाह व्यवस्था तो ठीक है, इसमें आवेदन करने वालों के फिंगरप्रिंट के साथ ही कार्यालय में तस्वीर ली जाती है। आधार आधारित विवाह पंजीकरण में ऐसी व्यवस्था नहीं है जिसके चलते धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
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आधार आधारित विवाह पंजीकरण रद करने का आदेश
प्रमुख सचिव अनिल कुमार की ओर से अब प्रदेश के सभी आइजी निबंधन को जारी शासनादेश में कहा गया है कि स्टांप एवं निबंधन विभाग की आधार आधारित विवाह पंजीकरण व्यवस्था के संबंध में शासन को शिकायतें मिल रही हैं कि धोखाधड़ी से दो पक्षकारों के बीच विवाह के ऑनलाइन पंजीकरण हो गए हैं। धोखाधड़ी के शिकार संबंधित लोगों की ओर से विवाह निरस्त करने के बाबत प्रार्थना पत्र मिल रहे हैं। संबंधित शिकायतों का निबटारा करते हुए उक्त विवाह पंजीकरणों को निरस्त करें, साथ ही वेबसाइट से संबंधित रजिस्ट्रेशन हटाएं।