संस्कृत व्याकरण के अभिनव पाणिनी हैं आचार्य रामयत्न शुक्ल, बीएचयू के संस्कृतविद्या धर्म विज्ञान संकाय में अभिनंदन
राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित महान व्याकरणाचार्य प्रो. रामयत्न शुक्ल को शनिवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय द्वारा वैदिक विज्ञान केंद्र के सभागार संकुल में सम्मानित किया गया। अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति ने आचार्य शुक्ल को अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित महान व्याकरणाचार्य प्रो. रामयत्न शुक्ल को शनिवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय द्वारा वैदिक विज्ञान केंद्र के सभागार संकुल में सम्मानित किया गया। अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति ने आचार्य शुक्ल को अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति आचार्य नरेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि आचार्य शुक्ल को यह सम्मान पूर्व में ही मिल जाना चाहिए था, वह संस्कृत व्याकरण शास्त्र के अभिनव पाणिनी हैं।
बीएचयू कला संकाय के पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रपति से सम्मानित आचार्य जयशंकर लाल त्रिपाठी ने कहा कि विद्वान के साथ विनयशील होना आचार्य शुक्ल का सबसे बड़ा गुण है। प्रो. कौशलेन्द्र पांडेय ने कहा कि आचार्य शुक्ल शास्त्र को जीते रहे। उनके यहां सभी विश्वविद्यालयों के छात्र अध्ययन हेतु आते हैं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने उन्हें सरस्वती का अनन्य उपासक बताया। प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उनके मन, वाणी एवं कर्म तीनों में सदा ऐक्यभाव रहा है। वह काशी की पांडित्य परंपरा के अग्रदूत हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ल ने कहा कि ऐसे कर्तव्यशील विद्वानों से हमें प्रेरणा मिलती है। वर्तमान सरकार ने ऐसी विभूतियों को खोजकर सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। कार्यक्रम का शुभारंभ डा. नारायण प्रसाद भट्टराई के मंगलाचरण, सौम्या मिश्रा के कुलगीत गायन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। केंद्र समन्वयक प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने सभी अतिथियों काे अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया। संतुष्टि हास्पिटल के संचालक डा. संजय कुमार गर्ग, डा. पुंडरीक शास्त्री ने भी अंगवस्त्रम से सम्मानित किया।
विश्वपंचांग का हुआ लोकार्पण
सम्मान समारोह के बीच संकाय द्वारा प्रकाशित विश्वपंचांग का लोकार्पण भी हुआ। इस अवसर पर प्रो. शिवराम शर्मा, प्रो. उपेंद्र पांडेय, प्रो. रामनारायण द्विवेदी, प्रो. रामजीवन मिश्र, प्रो. पतंजलि मिश्र, प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री, प्रो. विनय पांडेय, प्रो. मृत्युंजय देव, डा. सुनील कात्यायन, डा. राहुल मिश्र, डा.. क्षितिश्वरनाथ पांडेय, डा. जगदीश चतुर्वेदी, डा. दया शंकर त्रिपाठी, डा. श्रवण कुमार शुक्ल, डा. मोहन शुक्ल आदि थे। संचालन कार्यक्रम संयोजक डा. ब्रजभूषण ओझा, धन्यवाद ज्ञापन प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी ने किया।
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