वाह रे व्यवस्था... यहां डाक्टर ने मरीज को देखे बिना ही कर दिया रेफर, कहीं आप भी तो नहीं हैं भुक्तभोगी?
महिला अस्पताल में टिन शेड के नीचे बच्चे को जन्म देने के मामले चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। रिजवाना की सास सितारा का कहना है कि वह पहले भी रिजवाना को अस्पताल लाई थी लेकिन भर्ती से मना कर दिया गया था। इसके बाद जनता हास्पिटल में भर्ती कराया था।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कबीरचौरा राजकीय महिला अस्पताल में ओपीडी के बाहर टिन शेड में प्रसव मामले में जांच के लिए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआइसी) ने सोमवार को चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इसमें डा. अलका सिंह, डा. राकेश, डा. योगेंद्र और मैट्रन मीना शामिल हैं। कमेटी से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
इस बीच सामने आया कि डाक्टर ने मरीज को बिना देखे ही रेफर कर दिया। अपनी गर्दन फंसती देख स्टाफ नर्स समेत स्वास्थ्य कर्मियों ने एसआइसी के सामने इसके प्रमाण रखे। बताया कि रेफर के कागज पर डा. सुमिता के हस्ताक्षर हैं। वहीं ड्यूटी पर तैनात रहीं डाक्टर सुमिता ने भी इसे स्वीकार किया। कहा, ओटी में आपरेशन कर रही थी। स्टाफ नर्स रजिस्टर लेकर आई। हाल जानने के बाद रेफर कर दिया।
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रेवड़ी तालाब की रिजवाना को स्वजन रविवार शाम प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाए थे। नर्सिंग स्टेशन पर मौजूद स्टाफ नर्स प्रीतम व वार्ड आया अंजलि से भर्ती करने की गुहार लगाई थी, लेकिन दोनो ने गर्भवती की हालत गंभीर बताते हुए रेफर का कागज थमाते हुए बीएचयू जाने को कह दिया था। हालांकि बीच रास्ते आशा कार्यकर्ता का काल आने पर सभी वापस अस्पताल आए। यहां आते ही तेज प्रसव पीड़ा होने लगी और ओपीडी के बाहर बच्चे को जन्म दे दिया। इसके बाद प्रसूता को वार्ड में और नवजात को आइसीयू में शिफ्ट किया गया।
रिजवाना की सास सितारा का कहना है कि वह पहले भी रिजवाना को अस्पताल लाई थी, लेकिन भर्ती से मना कर दिया गया था। इसके बाद जनता हास्पिटल में भर्ती कराया था। निश्शुल्क इलाज की चाह में एक बार फिर यहां लाई थी। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. नीना वर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में स्टाफ नर्स व दाई की गलती सामने आई है। ड्यूटी पर तैनात डाक्टर से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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सीडीओ और सीएमओ ने किया निरीक्षण
सीडीओ हिमांशु नागपाल और सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने देर रात महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। सीडीओ ने टिन शेड के नीचे महिला का प्रसव को लेकर डा. अलका सिंह से पूछा कि मरीज को भर्ती क्यों नहीं किया गया। बताया गया कि हालत गंभीर थी, इसलिए एमसीएच विंग में रेफर किया गया था। हालांकि रेफर का कागज नहीं दिखा सकीं। सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की जाएगी। स्टाफ के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सही स्थिति बताने वाला कोई नहीं है।
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