श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में जनवरी-फरवरी में 2.87 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया बाबा का दर्शन, महाशिवरात्रि पर टूटा रिकॉर्ड
Shri Kashi Vishwanath Dham प्रयागराज महाकुंभ के दौरान श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में 28711233 श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने आए। महाकुंभ के दौरान 1270.36 क्विंटल तंदुल महाप्रसाद की बिक्री हुई। महाशिवरात्रि पर 1885862 दर्शनार्थी आए। यह दर्शनार्थियों की संख्या में नए रिकॉर्ड का गवाह बना। पर्व विशेष पर मंदिर के पट लगातार 46.45 घंटे खुले रहे और दर्शन निरंतर चलता रहा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रयागराज महाकुंभ से काशी की ओर से उमड़े जनज्वार ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थी संख्या का नया रिकार्ड बनाया। महाकुंभ तो पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी से आरंभ हुआ और समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर लेकिन श्रद्धालु इसके पहले से उमड़ने लगे थे और बाद तक आए।
इसका परिणाम रहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में एक जनवरी से 28 फरवरी तक (59 दिनों तक) धाम में 2,87,11,233 श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने आए। महाकुंभ आरंभ से दो दिवस पूर्व (11 जनवरी) से दो दिवस उपरांत (28 फरवरी) तक धाम में आए दर्शनार्थियों की संख्या 2,67,13,004 रही।
महाशिवरात्रि पर आए 18,85,862 दर्शनार्थी
सभी स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं से मंदिर भरा रहा, लेकिन महाशिवरात्रि पर यह संख्या सर्वाधिक रही। पर्व विशेष पर मंदिर के पट लगातार 46.45 घंटे खुले रहे और दर्शन निरंतर चलता रहा। इस अवधि में (26 की मंगला आरती से 27 फरवरी की रात शयन आरती तक) 18,85,862 दर्शनार्थियों ने बाबा के दर्शन किए। इसमें पर्व पर प्रातःकालीन मंगला आरती से चार प्रहर की चौथी आरती समाप्त होने तक कुल 11,69,553 श्रद्धालुओं ने तो अगले दिन 27 फरवरी को 7,16,309 दर्शनार्थी आए।
काशी में जुटी भीड़। जागरण
बिका 1270 क्विंटल तंदुल महाप्रसाद
महाकुंभ की अवधि में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में तंदुल महाप्रसाद खूब बिका। जनवरी-फरवरी में 1270.36 क्विंटल महाप्रसाद की बिक्री हुई। मंदिर न्यास की ओर से अक्टूबर 2024 में शास्त्रोक्त सनातन पद्धति से निर्मित तंदुल महाप्रसाद विक्रय काउंटर का शुभारंभ किया गया था।
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विशिष्ट स्नान तिथियों पर धाम में आए दर्शनार्थी
- 13 जनवरी पौष पूर्णिमा- 3,42,646
- 14 जनवरी मकर संक्रांति- 3,61,275
- 29 जनवरी मौनी अमावस्या- 4,73,119
- 03 फरवरी वसंत पंचमी- 5,84,224
- 12 फरवरी माघ पूर्णिमा- 7,78,697
- 26 फरवरी महाशिवरात्रि- 11,69,553
स्वर्ण कलश। जागरण
अन्नपूर्णेश्वरी अपने आंगन में शिव विवाह का मड़वा सजाएंगी, दोनों हाथों अन्न-धन बरसाएंगी
काशीवासियों के पालन-पोषण के लिए काशीपुराधिपति की झोली अन्न -धन्न से भरने वाली अन्नपूर्णेश्वरी अपने आंगन में भगवान शिव के विवाह का मड़वा सजाएंगी। सृष्टि के आधार शिव-शक्ति मिलनोत्सव का महापर्व महाशिवरात्रि को एक बार फिर जीवंत कर दिखाएंगी। यह दिखेगा अन्नपूर्णा देवी प्रतिष्ठा-अभिषेक समारोह के तहत 48 दिनी अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर 24 मार्च से आयोजित तीन दिवसीय समारोह में।
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इसमें पहले दिन शिव विवाह अन्नपूर्णा कृपा महोत्सव आशीर्वाद महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दूसरे दिन 25 मार्च को दिव्य-भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी जिसमें काशी समेत पूर्वांचल के कलाकार सुरों में शिव-शक्ति की आराधना करेंगे। गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन में संगीत वर्षा होगी।
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