Toll Tax: यूपी के इस एक्सप्रेस-वे पर टोल का अजब गजब खेल, कहीं से भी चढ़ने पर देना पड़ रहा ज्यादा शुल्क
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यात्रियों को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। सर्वर में खामी के चलते निर्धारित दर से 30-40% अधिक टैक्स वसूला जा रहा है जिससे लगभग 300 लोगों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। यूपीडा अधिकारी समस्या के समाधान में जुटे हैं और टोल मैनेजर ने अधिक भुगतान होने पर बैंक में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के टोल के सर्वर में तकनीकी खामी का खामियाजा दो महीने से सफर कर रहे लोगों को निर्धारित दर से 30 से 40 प्रतिशत तक अधिक टैक्स के रूप में भुगतना पड़ रहा है। अब तक लगभग 300 ऐसी शिकायतें ऐसी पहुंची हैं, जिसमें वाहन चालकों ने टोल टैक्स अधिक कट जाने की बात कही है। इसमें इटावा, मैनपुरी, औरैया के फफूंद, उन्नाव के बांगरमऊ व औरास समेत अन्य जगहों से एक्सप्रेसवे पर चढ़कर आगरा व लखनऊ जाने पर टोल प्लाजा पर लखनऊ से आगरा तक का टोल टैक्स कट जा रहा है।
इस शिकायत से समझें टोल अधिक कटने का गणित
कानपुर किदवई नगर वाई ब्लाक निवासी प्रवीन तिवारी ने बताया कि 26 सितंबर को वह अपने मित्र की कार से राजस्थान खाटू श्याम के दर्शन करने गए थे। कानपुर अरौल टोल से रात 11:30 बजे एक्सप्रेसवे पर चढ़े। आगरा पहुंचने पर टोल 485 रुपये कटा। जबकि 24 घंटे में लौटने पर अरौल टोल पर 499 रुपये कटा। बताया कि लखनऊ से आगरा जाने पर 665 रुपये टोल टैक्स कटता है। 24 घंटे में वापसी करने पर 25 प्रतिशत की छूट मिलती है। इस लिहाज से अरौल से आगरा तक जाने में टोल टैक्स सही कहा। जबकि 24 घंटे में वापस लौटने पर 485 रुपये में 25 प्रतिशत की छूट पर 363 रुपये होना चाहिए था। इसकी जगह पर 499 रुपये लिया गया। जो 665 रुपये में 25 प्रतिशत के हिसाब से बनता है। यानी आगरा से लखनऊ तक का टोल काटा गया।
लखनऊ टोल के प्रोजेक्ट मैनेजर नितिन पोरवाल बताया कि करीब छह माह पहले ब्रिज गोपाल कंपनी को 15 अरब रुपये का मरम्मत करने का टेंडर मिला है। इसमें एक्सप्रेसवे के मरम्मत से सर्वर समेत अन्य कार्य शामिल हैं। यूपीडा के अधिकारी कंपनी से लगातार वार्ता कर समस्या को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
अब तक शिकायतों का निदान नहीं
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सफर अब लोगों की मुश्किलें बढ़ाने के साथ जेब भी ढीली कर रहा है। साफ्टेवयर अपडेट न होने से सर्वर इतना थक चुका है कि टोल की निर्धारित दर से अधिक लोगों को टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है। पिछले तीन माह में 300 से अधिक शिकायतें यूपीडा के अधिकारियों तक पहुंचीं पर अब तक इसका निदान नहीं हो सका। साफ्टेवयर अपडेट न होने से सर्वर भी इतना थक चुका है कि आगरा और लखनऊ टोल पर अक्सर जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है।
40 से 50 हजार वाहन गुजरते हैं
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से रोजाना 45 से 50 हजार वाहन गुजरते हैं। एक्सप्रेसवे पर लखनऊ सीमा में पड़ने वाले टोल के प्रोजेक्ट मैनेजर नितिन पोरवाल ने बताया कि ब्रिज गोपाल कंपनी को एक्सप्रेसवे का पांच साल के लिए ओएनएम (आपरेशन एंड मेंटीनेंस) का टेंडर मिला है। यह कंपनी ने एटलस कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही है।एटलस कंपनी ने साफ्टवेयर का काम ट्रैफिक सोल कंपनी को दिया है। इस कंपनी ने 28 जून 2025 से साफ्टवेयर अपग्रेट करने का काम शुरू किया था। तब से लगातार टोल पर सर्वर की समस्या है।
जाम की समस्या भी रहती टोल प्लाजा पर
वाहन स्वामी लगातार टोल टैक्स अधिक कटने की शिकायत कर रहे हैं। बताया कि जब भी सर्वर फेल होता है तो टोल पर वाहनों की कतार लग जाती है। जाम की समस्या भी उत्पन्न होती है। बूम न खुलने से लोगों की खरीखोटी भी सुननी पड़ती है।बताया कि अब तक उनके पास अधिक टोल कटने की 50 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं।कुछ लोग आगरा टोल पर भी शिकायत करते हैं। सूत्रों के अनुसार तीन माह में 300 से अधिक लोग अधिक टोल टैक्स कटने व टोल पर सर्वर खराब होने से जाम में फंसने की शिकायत कर चुके हैं।
एक्सप्रेसवे पर कहीं से भी चढ़ो, टोल कट रहा पूरा
यूपीडा ने लखनऊ से आगरा तक चौपहिया वाहनों का टोल टैक्स 665 रुपये, मिनी बस, मिनी ट्रक व हल्के व्यावसायिक वाहनों का 1045 रुपये, बस व ट्रक का 2100 रुपये निर्धारित कर रखा है। यदि वाहन 24 घंटे में टोल से वापस लौटता है तो टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है।साफ्टवेयर अपडेट न होने व सर्वर में दिक्कत होने से लखनऊ से आगरा तक जाने वाला चौपहिया वाहन यदि औरास, बांगरमऊ, अरौल (कानपुर), कन्नौज, सैफई, इटावा, फफूंद (औरैया), फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मैनपुरी समेत अन्य जगहों से चढ़कर एक्सप्रेसवे पर पहुंचा तो है तो उसका टोल टैक्स लखनऊ से आगरा तक का 665 रुपये कट रहा है। हर समय ऐसा नहीं होता, सर्वर में दिक्कत आने पर ही ऐसा होता है।
इन्होंने ने भी दर्ज कराई शिकायत
- अभिषराज 2318 नाम के एक्स एकाउंट से यूपीडा की आधिकारिक साइट पर लिखा गया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सबसे बड़ा भ्रष्टाचार पनप रहा है। टोल प्लाजा पर 18 व 19 जुलाई को लखनऊ से बांगरमऊ तक का उसने सफर किया और टोल 665 रुपए काट लिया गया। लौटते वक्त भी इतना ही टैक्स फास्ट-टैग से कट गया।
- अनुराग सिंह नाम के व्यक्ति ने भी यूपीडा की आधिकारिक साइट पर शिकायत की कि 19 जुलाई को फास्ट टैग से 485 रुपए व 20 जुलाई को 120 रुपये कट गए। लिखा कि जिस टोल से टोल टैक्स के रूप में रुपये काटे गए उसकी कार वहां गई ही नहीं।
- शुभेंदु दीक्षित नाम के व्यक्ति ने बताया कि 27 जून को वह बांगरमऊ से लखनऊ गया था। बांगरमऊ टोल पर फास्ट टैग सीन हुआ और लखनऊ टोल पर 120 रुपये कट गए। तीन घंटे बाद लखनऊ से बांगरमऊ लौटा तो बांगरमऊ वाले एक्जिट टोल पर भी 120 रुपये कट गए। पीड़ित का तर्क है टोल टैक्स नियमानुसार उसी दिन वापसी पर 75 रुपए कटना चाहिए था पर 45 रुपये अधिक कट गया।
टोल टैक्स अधिक कटे तो यहां करें शिकायत, रुपये होंगे वापस
लखनऊ टोल के प्रोजेक्ट मैनेजर नितिन पोरवाल ने बताया कि यदि किसी भी वाहन सवार का टोल अधिक कट गया हो तो वह जिस बैंक का फास्ट-टैग प्रयोग कर रहा हो, उसके कस्टम केयर नंबर पर बात कर शिकायत दर्ज कराएं।वहां से शिकायत हमारे पास आती है। इसके बाद साफ्टवेयर कंपनी ट्रैफिक सोल यह चेक करती है कि वाहन कहां से कहां तक गया है, शिकायत सही होने पर कंपनी की ओर से रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर दी जाती है। इसके बाद उसी बैंक के जरिए आपके रुपये खाते में अधिक कटे रुपये पहुंच जाते हैं। बताया कि पूर्व में की गई शिकायतों में कई लोगों का का बैंक के जरिए रुपया वापस हुआ है।
वाहन चालकों द्वारा अधिक टोल कटने की लगातार शिकायतें आ रही हैं। करीब 50 पत्र यूपीडा के अधिकारियों को लिखने के साथ इतनी ही बार मेल भी कर चुका हूं पर अव्यवस्था बरकरार है। ट्रैफिक सोल कंपनी द्वारा जून माह से साफ्टवेयर को अपग्रेट करने का कार्य शुरू किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।दो माह के अंतराल में कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
नितिन पोरवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर लखनऊ टोल
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