तेलंगाना टनल हादसा: 31वें दिन यूपी के इंजीनियर का मिला शव, 6 कर्मचारियों की तलाश अब भी जारी
तेलंगाना में टनल धंसने से मलबे में दबे उन्नाव के इंजीनियर मनोज कुमार का शव 31 दिन बाद रेस्क्यू टीम द्वारा बरामद किया गया। 22 फरवरी को नागर कुरनूल में एक टनल के धंसने से मनोज कुमार समेत कई मजदूर फंस गए थे। लगातार बचाव अभियान के बाद आखिरकार मनोज का शव बरामद हुआ। इस हृदयविदारक घटना ने उनके परिवार और पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। तेलंगाना में टनल धंसने से उसमें फंसे बांगरमऊ तहसील क्षेत्र में रहने वाले इंजीनियर मनोज कुमार का शव 31 दिन बाद रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिया। शव मिलने की जानकारी जैसे ही घर पहुंची मां व पत्नी समेत अन्य स्वजन बेहाल हो गए। बुधवार शाम तक शव पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है।
तेलंगाना के नागर कुरनूल में बीती 22 फरवरी को टनल धंसने से बेहटामुजावर क्षेत्र के गांव मटुकरी निवासी इंजीनियर 50 वर्षीय मनोज कुमार पुत्र अर्जुन प्रसाद समेत अन्य मजदूर फंस गए थे। रेस्क्यू टीम लगातार अभियान चलाकर फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही थी।
31 दिन बाद मिला इंजीनियर का शव
इंजीनियर के मनोज के बहनोई हरदोई के सिरौली क्षेत्र के गांव बिरौली निवासी रामआसरे दीक्षित ने बताया कि हादसे के 31वें दिन रेस्क्यू टीम ने टनल में फंसे उनके साले मनोज का शव बरामद कर लिया है। बताया कि पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को शव गांव पहुंच सकता है।
वहीं मनोज का शव मिलने की जानकारी गांव पहुंचने पर वृद्ध मां जमुना देवी, पत्नी स्वर्णलता, भाई अरविंद द्विवेदी, बेटा आदर्श, बेटी अनन्या समेत अन्य स्वजन बेहाल हो गए। गांव के लोग परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं। स्वजन शव आने का इंतजार कर रहे हैं।
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22 फरवरी को हुआ था हादसा
एसएलबीसी सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंस गए थे। उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू की तलाश की जा रही थी। मंगलवार को मनोज कुमार का शव बरामद कर लिया गया।
बता दें कि इससे पहले 9 मार्च को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से एक गुरप्रीत सिंह का शव बरामद किया गया था। बीते दिनों तेलंगाना सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
31 दिन बाद भी 6 वर्कर्स का पता नहीं
बचाव कार्य में हजारों कर्मचारी लगे हुए हैं। हादसे को 31 दिन बीत चुके हैं। अभी भी 6 वर्कर्स मलबे में फंसे हुए हैं। वे किस हालत में हैं, इसका कोई अता-पता नहीं है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ बचाव अभियान में लगातार प्रयासरत हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि बचाव कार्य में सहायता के लिए मानव अवशेष खोजी कुत्तों (एचआरडीडी) को तैनात किया गया है।
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