उन्नाव में मतांतरण का गंदा खेल, प्रार्थना सभा में इस तरह से जीवन सुधारने का देते लालच
उन्नाव में प्रार्थना सभाओं की आड़ में मतांतरण का खेल चल रहा है। गरीब और जरूरतमंद लोगों को पैसे और नौकरी का लालच देकर फंसाया जाता है। पुलिस ने कुछ लोगो ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, उन्नाव। वंचित परिवारों को जीवन सुधारने, धन लाभ, शिक्षा व इलाज का लालच देकर मतांतरण कराया जा रहा है। लोगों को इस कदर विश्वास में लिया जाता है कि वह न चाहते हुए भी मतांतरण को तैयार हो जाते हैं। जिले में भी यह खेल बड़े स्तर पर चल रहा है। पूर्व में कुछ लोगों ने आवाज भी उठाई पर पुलिस की मदद न मिलने से वह थक हारकर बैठ गए।
मतांतरण के विरोध में जंग छेड़ने वाली सिविल लाइंस निवासी कमलेश कुमारी बताती हैं कि इस कार्य में लगी मिशनरियां वंचित लोगों को भावनात्मक स्तर पर यह महसूस कराया जाता है कि नया समूह ही उसका वास्तविक सहारा है। बच्चों व युवाओं को फ्री ट्यूशन कैंप के नाम पर बुलाया जाता है। धीरे-धीरे उन्हें अपने धर्म का साहित्य देकर अगली बैठक में नया विश्वास अपनाने को कहा जाता है। गांव-स्तर पर गुप्त सभाएं, घरों या किराए के भवनों में छिपी हुई प्रार्थना सभाएं कर यह लोगों को जोड़ते हैं। बीमारी में मुफ्त दवा व सुविधा दिलाने के बदले मतांतरण के लिए प्रेरित करते हैं। चमत्कार या दिव्य उपचार का दावा कर भ्रम फैलाकर धार्मिक सभा में प्रार्थना कराई जाती है। यह बताया जाता है कि इस प्रार्थना से हर व्यक्ति का कल्याण होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य तेजी से चल रहा है।
बिना मेहनत शौक पूरा करने वालों को बनाते निशाना
मतांतरण कराने वाले लोग ऐसे लोगों को चिह्नित करते हैं जो बिना मेहनत कम समय में ऐशो-आराम का जीवन जीना चाहते हैं। ऐसे लोगों का मतभंग कर कुछ मिशनरियां उन्हें मतांतरण करने पर मजबूर कर अपने धर्म में मिला रही हैं। दिसंबर 2024 में बिहार के खेसुआ गांव स्थित चर्च में दिसंबर 2024 को एक महिला को मारपीट कर जबरन उसका मतांतरण कराया जा रहा था। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के लोगों ने मौके पर पहुंचकर मतांतरण का विरोध कर पुलिस को जानकारी दी थी। पीड़ित महिला की तहरीर पर 25 दिसंबर 2024 को चर्च संचालिका शारदा, उसके बेटे राहुल, अजय, विजय, दो अन्य नाबालिग बेटों पर मारपीट, विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिशेष की धारा में मुकदमा दर्ज कर चर्च संचालिका शारदा को जेल भेजा था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर सक्रिय हुए संगठन
हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें तो मतांतरण के बाद भी अनुसूचित जाति के होने का दावा कर सरकार से मिलने वाली सहायता ले रहे हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदूवादी संगठनों ने मतांतरण के विरोध में फिर से अपनी आवाज बुलंद की है। प्रशासनिक अमले ने भी ऐसे लोगों का चिह्नांकन करना शुरू कर दिया है।
पुलिस करे मदद तो धर्म पर चोट करने वालों को मिले सजा
जय शिव शक्ति सेवा संस्थान की प्रबंधक/सचिव कमलेश कुमारी ने कहा कि वह पूर्व में कई जगहों पर मतांतरण के खेल को पकड़ चुकी है। पुलिस ने मदद नहीं की, जिससे कार्रवाई न होने से यह खेल अभी भी बड़े स्तर पर चल रहा है। यदि पुलिस मदद करें मतांतरण कराने वालों की करतूत को कुछ ही पलाें में बेपर्दा कर सकतीं है।
यदि मतांतरण जैसे कोई शिकायत आती है तो उस पर पुलिस गंभीरता बरतते हुए कार्रवाई करती है। ऐसा कोई मामला यदि किसी के संज्ञान में हो तो वह पुलिस से जानकारी साझा कर सकता है। व्यक्ति मेरे पास भी आकर शिकायत कर सकता है। पुलिस तत्काल मौके पर जाकर कार्रवाई करेगी।
जयप्रकाश सिंह, एसपी

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।