कानपुर-लखनऊ हाईवे पर दर्दनाक हादसा: कोहरे की वजह से डिवाइडर से टकराई बाइक... दो दोस्तों की मौत
यूपी के उन्नाव जिले में कानपुर-लखनऊ हाईवे पर कोहरे के कारण एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें दो दोस्तों की जान चली गई। बाइक डिवाइडर से टकराने के कारण दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान एक की जिला अस्पताल में और दूसरे की कानपुर में मौत हो गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। कानपुर-लखनऊ हाईवे पर शुक्रवार की देर रात कोहरे की वजह से बाइक डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में दो दोस्तों की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
अजगैन के बिचपरी के मजरा गंगाबख्शखेड़ा गांव निवासी 22 वर्षीय अमन गांव के दोस्त 25 वर्षीय जगदीश के साथ दही औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक चर्म इकाई में काम करता था। दोनों एक बाइक से रोजाना फैक्ट्री आते-जाते थे। शुक्रवार को घरेलू काम की वजह से जगदीश फैक्ट्री नहीं गया।
दोनों दोस्त एक ही बाइक पर सवार थे
इस पर अमन सवारी वाहन से फैक्ट्री पहुंचा। रात में ड्यूटी खत्म होने के बाद उसने जगदीश को फोन कर फैक्ट्री से ले जाने के लिए कहा। जगदीश बाइक लेकर फैक्ट्री पहुंचा और वहीं से अमन को लेकर घर जाने के लिए निकला। तभी कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बिचपरी के पास बाइक अनियंत्रित हो डिवाइडर से टकरा गई।
हेलमेट न लगा होने से दोनों के सिर में गंभीर चोट आ गई, जिससे वह बेहोश हो गए। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से जगदीश की हालत गंभीर होने पर कानपुर एलएलआर रेफर कर दिया गया। देर रात अमन ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।
शनिवार सुबह जगदीश की कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजन जगदीश का शव लेकर घर आए और पुलिस को सूचना दी। एसओ अजगैन अवनीश सिंह ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
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अनफिट होने के बाद भी ‘मौत’ बनकर सड़क पर दौड़ रहे 163 वाहन
लगातार हो रहे हादसों के बाद भी वाहन स्वामी नियम पालन के प्रति सजग नहीं हैं। जिले में बस व ट्रक समेत 163 वाहन ऐसे है, जो अनफिट होने के बाद भी सड़क पर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। एआरटीओ विभाग से लगातार नोटिस जाने के बाद भी यह बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के वाहनों का संचालन कर रहे हैं।
टेंपो व चौपहिया वाहनों की तादात इसमें अधिक है। खास बात ये है कि जिले में पंजीकृत वाहनों में करीब तीन हजार वाहन ऐसे हैं, जो अपनी उम्र पूरी करने के बाद भी संचालित हैं। अब न इन वाहनों की फिटनेस होगी और न ही दोबारा पंजीयन। ये वाहन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
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