Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    लखनऊ में कर्बला से चोरी हुआ बेशकीमती 'दुलदुल' उन्नाव में मिला, आरोपी ने इस खास वजह से चुराया था

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:17 PM (IST)

    लखनऊ पुलिस ने शिया समुदाय के धार्मिक घोड़े 'दुलदुल' को उन्नाव से सुरक्षित बरामद कर लिया है। तालकटोरा पुलिस ने 800 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुर ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। शिया समुदाय की आस्था का प्रतीक धार्मिक घोड़ा ‘दुलदुल’ को तालकटोरा पुलिस ने आठ सौ से अधिक सीसी कैमरों की फुटेज की मदद से सोमवार को सुरक्षित बरामद कर लिया। उसे चोरी करने वाले पुराने नौकर को भी गिरफ्तार कर लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस उपायुक्त(डीसीपी) पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित ने साले के साथ मिलकर चोरी कर उन्नाव के मौरांवा में कारोबारी को दो लाख रुपये में बेच दिया था। डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित छोटू वर्मा है, जो मूल रूप से उन्नाव के हसनगंज मलकादी सेराय का निवासी है।

    उसे प्रेम डायरी के पास से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में छोटू वर्मा ने बताया कि उसने अपने साले फिरोज उर्फ भैय्या के साथ मिलकर चोरी की साजिश रची थी। वह पहले कर्बला में काम कर चुका था, इसलिए उसे वहां की भौतिक स्थिति, आवागमन के रास्तों और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी थी।

    इसी जानकारी का फायदा उठाकर दोनों ने तड़के घोड़े को चोरी किया और उसे उन्नाव के मौरांवा स्थित स्वयंबरखेड़ा ले जाकर एक कारोबारी को दो लाख रुपये में बेच दिया। इंस्पेक्टर तालकटोरा कुलदीप दुबे ने बताया कि आठ सौ से अधिक सीसी कैमरों की जांच की।

    फुटेज से पता चला कि आरोपित घोड़े को करीब दस किलोमीटर तक पैदल ले गया था, जिससे वह मुख्य सड़कों और भीड़-भाड़ से बच सके। उन्नाव के मौरांवा स्वयंबरखेड़ा से दुलदुल को सकुशल बरामद कर लिया गया।

    दुलदुल की बरामदगी की सूचना मिलते ही शिया समुदाय के लोगों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया है। पुलिस की तत्परता और मेहनत की सराहना की। इंस्पेक्टर ने बताया कि छोटू पर पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह पूर्व में तालकटोरा थाना क्षेत्र से जेल जा चुका है।

    पुलिस अब उसके साले फिरोज उर्फ भैय्या और घोड़ा खरीदने वाले कारोबारी की तलाश कर रही है। खरीददार के घर वालों ने बताया कि कारोबारी घोड़े रखने के शौकीन हैं। सफेद घोड़ा देखकर खरीद लिया था। यही नहीं, बेचने वाले ने चार लाख रुपये दाम लगाया था।

    लोगों को काफी पंसद था दुलदुल

    पूछताछ में आरोपित ने बताया कि जब वह कर्बला में काम करता था, तो उसे देखने के लिए लोग आते थे।रोजाना उसकी सफाई की जाती थी। कई लोगों ने खरीदने के लिए लाखों रुपये कीमत लगा दी थी। इधर उसको रुपयों की जरूरत थी, तो उसकी फोटो कारोबारी को दिखाई थी। जब वह खरीदने के लिए तैयार हो गया था, तब उसे चुराया था।

    क्यों है खास दुलदुल

    इंटरनेट मीडिया के अनुसार दुलदुल घोड़ा खास है क्योंकि यह इमाम हुसैन के घोड़े का प्रतीक है, जिसे मुहर्रम के जुलूसों में विशेष सम्मान मिलता है और यह धार्मिक आस्था, वफादारी और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, यह लोकनृत्यों (जैसे दुलदुल घोड़ी) और मन्नत पूरी होने की परंपराओं का भी हिस्सा है, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता दिखती है।

    यह था पूरा मामला

    इंस्पेक्टर तालकटोरा कुलदीप दुबे ने बताया कि बीती 24 दिसंबर को कर्बला से शिया समुदाय का धार्मिक जुलजना घोड़ा दुलदुल चोरी हो गया था। घटना की जानकारी होते ही पुलिस अलर्ट हो गई।

    पूर्व मुतवल्ली सैय्यद फैजी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिसमें एक व्यक्ति सफेद रंग के घोड़े को ले जाते हुए दिखाई दिया था।