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    Delhi Blast: उन्नाव से परवेज के लिंक के बाद एजेंसियां अलर्ट, कश्मीरी मूल के 150 सिक्योरिटी गार्डों की जुटा रही डाटा

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:31 PM (IST)

    दिल्ली में हुए धमाके के बाद, सुरक्षा एजेंसियां उन्नाव से जुड़े परवेज के कनेक्शन की जांच कर रही हैं। कश्मीरी मूल के लगभग 150 सुरक्षा गार्डों का डेटा एकत्र किया जा रहा है ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहचाना जा सके और सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। एजेंसियां उन्नाव कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं।

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    जागरण संवाददाता, उन्नाव। दिल्ली में विस्फोट की घटना के बाद जिले की खुफिया व पुलिस बेहद अलर्ट है।पूर्व में आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे लोगों का उन्नाव कनेक्शन देख पुलिस किसी तरह की चूक से बच रही है। दही औद्योगिक क्षेत्र में संचालित मांस निर्यातक इकाइयों में सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात काश्मीरी मूल के लोग किसी संदिग्ध गतिविधि में लिप्त तो नहीं, ऐसी आशंका पर उनकी पूरी कुंडली खंगालनी शुरू की गई है।

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    दही थाना पुलिस ने अपने क्षेत्र की सभी मांस निर्यातक इकाईयों में काम करने वाले लगभग 150 काश्मीरी मूल के लोगों का बायोडाटा इकट्ठा किया है। इन लोगों का कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं, इसका पता लगाने के लिए संबंधित जिलों को उनके प्रपत्र भेजकर जांच करानी शुरू की गई है। हालांकि इससे पूर्व भी पुलिस सभी का सत्यापन करा चुकी है।



    दिल्ली धमाके के तार जिन लोगों से जुड़ रहे हैं, उनमें अधिकांश काश्मीरी मूल के ही निकले हैं। मौजूदा समय में दही औद्योगिक क्षेत्र की मांस निर्यातक इकाइयों में सुरक्षा में तैनात लोग भी काश्मीर मूल के हैं। एहतियात के तौर पर एसपी जय प्रकाश सिंह ने दही थाना के प्रभारी निरीक्षक अवनीश सिंह को सभी सुरक्षा गार्डों का सत्यापन करने व उनकी आपराधिक कुंडली खंगालने के निर्देश दिया।

     

    प्रभारी निरीक्षक अवनीश सिंह ने उन्होंने सुबह अपने क्षेत्र में संचालित सभी स्लाटर हाउस के मैनेजर से सिक्योरिटी गार्ड के सत्यापन की रिपोर्ट मांगी। सभी ने लगभग 150 के सत्यापन की रिपोर्ट भेजी है। जिस जिले में सिक्योरिटी गार्ड रहते हैं, वहां के संबंधित थानों को उनका बायोडाटा भेजकर यह दिखवाया जाएगा कि उन पर कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है। इसके अलावा श्रमिकों का भी डाटा मांगा गया है।एहतियात के तौर पर यह जांच की जा रही है।



    ड्राई फूड्स बेचने वालों का भी सत्यापन शुरू

    जिले में आकर फुटपाथ पर ड्राई फूड्स बेचने वाले काश्मीर के लोगों का भी पुलिस व खुफिया टीमों ने सत्यापन शुरू किया है। सभी के आधार कार्ड लिए गए हैं। उनके जिले के संबंधित थाना की पुलिस को नाम पते की जानकारी देकर सत्यापन के लिए कहा गया है।


    औद्योगिक इकाइयां संदिग्धों का मुफीद ठिकाना

    वर्ष 2021 में यूपी एटीएस ने सदर क्षेत्र के कासिम नगर में एक किराए के घर में पत्नी व बच्चों के साथ रह रहे रोहिंग्या शाहिद को पकड़ा था। म्यांमार के रास्ते अलीगढ़ पहुंचने के बाद वर्ष 2017 में वह उन्नाव आ गया था। यहां अचलगंज के बंथर औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में नौकरी करने लगा। वह उसी फैक्ट्री में रहता भी था। शाहिद ने यहां से अपना जन्मप्रमाण पत्र, वोटर आइडी तक बनवा ली थी। इससे पहले बीघापुर में बांग्लादेशी, गंगाघाट में रोहिंग्या पकड़े जा चुके हैं।


    1700 लोगों की सूची तैयार, सत्यापन को संबंधित जिलों को भेजी गई रिपोर्ट

    पुलिस ने अब तक 1700 लोगों को चिह्नित कर सत्यापन के लिए उनके संबंधित पते पर मूल दस्तावेजों को भेजा है। सूत्रों के अनुसार बिहार, नेपाल समेत अन्य प्रदेशों से तो रिपोर्ट आ गई पर बंगाल व असम के करीब एक सैकड़ा श्रमिकों की सत्यापन रिपोर्ट वहां से नहीं भेजी गई। सूत्र बताते हैं, कि कई ऐसे श्रमिक हैं, जो अपने दिए पते पर रहते ही नहीं है। अब इन श्रमिकों पर खुफिया टीमों ने नजरें गड़ा दी हैं।