यूपी में पांच बांग्लादेश घुसपैठिए गिरफ्तार, सऊदी करंसी और भारतीय पासपोर्ट बरामद... IB कर रही जांच
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पुलिस ने बांग्लादेशी गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने रायबरेली के एक कपड़ा व्यवसायी को नकली मुद्रा देकर लाखों रुपये की ठगी की थी। गिरोह के सरगना के पास से बांग्लादेशी और भारतीय दस्तावेज मिले हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। साथ ही उसने दिल्ली के पते से अपना आधार कार्ड भी बनवा रखा है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। रियाल का लालच देकर रायबरेली लालगंज के नई बस्ती निवासी कपड़ा व्यवसायी सोनू गुप्ता से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसपी दीपक भूकर ने आरोपितों के पास मिले दस्तावेजों के आधार पर उनके बांग्लादेशी होने की बात कही है।
गिरोह के सरगना के पास बांग्लादेश व भारत का वीजा, बांग्लादेश की आइडी, पहचान पत्र, पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज मिले हैं। इसके साथ ही उसने दिल्ली के पते से अपना आधार कार्ड भी बनवा रखा है।
पकड़े गए लोगों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। सभी के पास से पुलिस को बांग्लादेश से जुड़े साक्ष्य मिले हैं। सभी उन्नाव में अलग-अलग जगहों पर किराए का कमरा लेकर रह रहे थे। आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) ने भी सभी की जांच शुरू की है।
कपड़े के दुकानदार से गैंग ने की ठगी
रायबरेली जनपद के कस्बा लालगंज नई बस्ती निवासी सोनू गुप्ता की लालगंज में कपड़े की दुकान है। एक सप्ताह पूर्व उसकी दुकान पहुंची महिला ने करीब 600 से 700 रुपये कीमत के कपड़े खरीदे। भारतीय मुद्रा (रुपये) न होने की बात कहकर दुकानदार सोनू को 50 रियाल की एक नोट भुगतान के लिए दी।
दुकानदार ने 50 रियाल की एक नोट की कीमत की जानकारी अपने परिचितों से की तो 1155 रुपये पता चली। इस पर उसने झट से रियाल लेकर महिला को सामान दे दिया। एक दिन बाद फिर से वही महिला सोनू की दुकान पहुंची और 50 रियाल के 1500 नोट के बदले भारतीय मुद्रा देने की बात कही।
लाखों के लालच में दुकानदार ने किया सौदा
करीब 15 लाख के मुनाफे के लालच में सोनू ने 1.55 लाख रुपये में सौदा तय कर लिया। महिला ने दो अन्य साथियों की मदद से 21 फरवरी को सोनू को बीघापुर कस्बा के निकट वन विभाग कार्यालय के पास एक चाय की दुकान में बुलाया। सुबह सोनू गुप्ता अपने साथी लालगंज के ही पूर्व सभासद विकास गुप्ता के साथ बाइक से पहुंच गया। दो युवक पैदल उससे मिलने पहुंचे और बैग देकर 1.55 लाख रुपये लेकर चले गए।
बैग में जो रियाल की गड्डी मिली, उसमें ऊपर तो दो रियाल के नोट मिले, शेष नीचे दफ्ती के उसी साइज के टुकड़े लगे मिले। सोनू ने बीघापुर कोतवाली में अज्ञात के विरुद्ध टप्पेबाजी का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने पांच टप्पेबाजों को दबोच लिया
एसपी दीपक भूकर के निर्देश पर थाना पुलिस के साथ स्वाट व सर्विलांस टीम ने जांच शुरू की। सोनू द्वारा टप्पेबाजों का एक मोबाइल नंबर स्वाट टीम को दिया गया। उस नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो सफीपुर के एक युवक से उस नंबर पर बात होती मिली। इस पर टीम सफीपुर के युवक के पास पहुंची और उसकी मदद से दो महिलाओं समेत पांच टप्पेबाजों को दबोच लिया।
इस गिरोह में दो महिलाएं भी शामिल हैं
पकड़े गए टप्पेबाजों ने अपने नाम अब्दुल जलील व अफरोजा पत्नी खैरुल निवासी रघुवीर विहार कालोनी जमुना पर लोहवन मथुरा, मिंटू निवासी रघुवीर विहार कालोनी काेदवन ग्राम थाना जमुनापार मथुरा, उसकी पत्नी हमीदा व मासूम मुल्ला निवासी काली कतला थाना जीवन तला जिला उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल बताया।
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि आरोपितों के पास जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे वह बांग्लादेश के होना प्रतीत हो रहे हैं। टप्पेबाजी के दर्ज मुकदमे में अन्य धाराएं बढ़ाई जा रही है। बांग्लादेश के साथ भारत से इन्होंने पासपोर्ट कैसे प्राप्त किया, आइबी इसकी जांच कर रही है। वहीं राजफाश करने वाली टीम में शामिल स्वाट प्रभारी जयप्रकाश यादव व व बीघापुर पुलिस टीम को एसपी ने 25 हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
बांग्लादेश में है पत्नी, बेटा करता कपड़े का कारोबार
पुलिस के अनुसार, आरोपित जलील की पत्नी व बेटा बांग्लादेश में रहते हैं। बेटा वहां पकड़े का कारोबार करता है। वर्ष 2020 में आरोपित जलील को सदर कोतवाली पुलिस ने चोरी व ठगी के मामले में जेल भेजा था। 2022 व 23 में वह उन्नाव के कासिम नगर में आकर रहा।
इसने दिल्ली के पते से वोटर आइडी कार्ड भी बनवा रखा है। पुलिस के डर से यह कासिम नगर से दिल्ली चला गया था। इसके अलावा मिंटू, अफराेजा, हमीदा पर पर हरदोई सदर कोतवाली में दो-दो व बिलग्राम थाना में में एक-एक मुकदमा दर्ज है। वहां से भी सभी जेल जा चुके हैं। मौजूदा समय में सभी सदर क्षेत्र के गदनखेड़ा मुहल्ला में किराए का कमरा लेकर रह रहे थे।
एक मोबाइल से एक बार ही करते थे ठगी
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि आरोपितों के पास 11 कीपैड व पा स्मार्टफोन मिले हैं। आरेापित एक सिम व मोबाइल से एक ही बार ठगी कर उसे सुनसान जगह पर रख देते थे, जिससे पुलिस उन तक पहुंच न सके। मोबाइल फोन के अलावा छह सिम कार्ड मिले, जिसमें एक बांग्लादेश स्किटो कंपनी का है।
इसके अलावा तीन पैर कार्ड, चार आधार कार्ड जिसमें दो के अलग-अलग पते के, अब्दुल जलील की दिल्ली के पते की वोटर आइडी, कपड़ा व्यवसायी से ठगी की 44,020 रुपये, सउदी रियाल की 50 की 20 नोट, जलील की बांग्लादेशी राष्ट्रीय आईडी कार्ड की छायाप्रति, एक बांग्लादेशी व एक भारतीय वीजा, भारतीय वीजा की छायाप्रति, पासपोर्ट, रुमिशा बेगम का पासपोर्ट, जलील का बांग्लादेशी पहचान पत्र, हमीदा का पासपोर्ट, जलील का मथुरा के पते से बना ड्राइविंग लाइसेंस, यूको व एक्सिस बैंक में जमा की गई नकदी का लेखाजोखा, घटना मे प्रयुक्त फर्जी दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर के नेम प्लेट लगी बाइक बरामद की गई है।
अफरोजा व जलील का है बांग्लादेश में बैंक खाता
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों ने अफरोजा व जलील का इस्लामिक बैंक ऑफ बांग्लादेश में खाता है, जिसमें वह भारत से रुपये का ट्रांजक्शन भी करते हैं। गिरोह के सदस्य फोन पर कभी एक दूसरे से बात नहीं करते, इसके लिए वह आइएमओ एप का प्रयोग करते हैं।
हमीदा व मिंटू के साथ उनका चार वर्षीय बच्चा हबीबुल हसन भी था। माता-पिता के साथ उसे भी जेल जाना पड़ा है। एसपी ने बताया कि सरगना जलील है। अन्य पकड़े गए उसके परिवारिक सदस्य हैं। बताया कि जांच में गिरोह के कई अन्य सदस्य रडार पर हैं, जिन्हें शीघ्र पकड़ा जाएगा।
मकान स्वामी के लिए आधार कार्ड की पहचान करना कठिन
मकान स्वामी आधार कार्ड लेकर किसी को भी कमरा किराए पर दे देते हैं। गदनखेड़ा में जो कमरा लेकर जलील व गिरोह के अन्य सदस्य रह रहे थे, उन्होंने मथुरा व अन्य जगह से बनवाया गया आधार कार्ड दिखा दिया। जिस पर मकान स्वामी को विश्वास हो गया और उसने कमरा दे दिया।
मकान स्वामियों के लिए बंग्लादेशियों व अन्य संदिग्ध की पहचान करना कठिन हो गया है। दस्तावेजाें को बनवाने के लिए जहां आम आदमी को भटकना पड़ता है, वहीं संदिग्ध लोगों को यह दस्तावेज बेहद आसानी से मिल जाते हैं। एक खुफिया के पुलिस कर्मी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेशी घुसपैठ करते हैं और इसके बाद वह दस्तावेज हासिल करने में सफल हो जाते हैं।
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