खाद की फटी बोरी मिली तो रद होगा फर्म का लाइसेंस, उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग ने लागू किया नया नियम
लखनऊ में सरकारी समितियों में रासायनिक खाद की चोरी रोकने के लिए सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। फटी बोरी मिलने पर ट्रांसपोर्ट फर्म का लाइसेंस रद्द होगा। रबी सीजन में किसानों को पूरी खाद मिले इसलिए लोडिंग-अनलोडिंग में हुक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि का स्वागत किया और इसे किसानों के लिए उपहार बताया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरकारी समितियों में रासायनिक खाद की चोरी और कम मात्रा में वितरण को रोकने के लिए सख्ती बढ़ा दी गई है।
अब अगर किसी बोरी में हुक या फट होने की शिकायत मिलेगी, तो संबंधित ट्रांसपोर्ट फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। सहकारिता विभाग के आयुक्त व निबंधक योगेश कुमार ने बोरी की लोडिंग और अनलोडिंग में हुक के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
यह कदम रबी के सीजन में किसानों को पूरी खाद उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। किसानों की शिकायत अक्सर रहती थी कि उन्हें फटी बोरी खाद में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी मिलती है। इस समस्या को देखते हुए आयुक्त ने पीसीएफ के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर फटी बोरी खाद समितियों तक पहुंचने पर आपत्ति जताई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरी कीमत देकर किसानों को फटी बोरी में खाद देना गलत है। यह निर्देश न सिर्फ किसानों को पूरी खाद उपलब्ध कराने में मदद करेगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट और आपूर्ति प्रक्रियाओं में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ने किया रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2026-27 के लिए रबी की छह फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने शारदीय नवरात्रि की महानवमी के अवसर तथा दशहरा व दीपावली के पर्व से पूर्व किसानों को दिए गए इस उपहार के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।
इंटरनेट मीडिया ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि “किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2026-27 के लिए रबी की छह फसलों पर एमएसपी बढ़ाने का निर्णय अभिनंदनीय है।
किसानों की समृद्धि, विकास एवं खुशहाली के लिए सतत समर्पित डबल इंजन की सरकार का यह निर्णय ''''आत्मनिर्भर किसान-समृद्ध किसान'''' के संकल्प को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।”
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