दो विभागों ने बना डाली एक ही सड़क, सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि; जांच में हुआ बड़ा खुलासा
सुलतानपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां दो विभागों ने एक ही सड़क के निर्माण का दावा किया और सरकारी धन का उपयोग किया। जांच में धन के दुरुपयोग की पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। यह मामला करौंदीकला विकासखंड के करनवल-मेवपुर मार्ग का है जहां अनियमितताओं के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। अब अधिकारियों से स्पष्टीकरण माँगा गया है।

जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। एक ही सड़क दो विभागों ने बनवाने का दावा किया। करीब डेढ़ माह तक दोनों कार्यदायी संस्थाओं ने एक ही साथ मार्ग का निर्माण होना दर्शा दिया। इसके लिए धन भी खारिज कर लिया। यह अचंभित करने वाला कार्य करौंदीकला विकासखंड के करनवल- मेवपुर मार्ग पर हुआ है।
जब 15 मई को जिला विकास समन्वयन एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में यह मुद्दा उठा तो पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश सिंह की शिकायत पर अमेठी सांसद किशाेरी लाल शर्मा के निर्देश पर जांच की गई। जांच में सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है।
उसके बाद जिलाधिकारी कुमार हर्ष ने तत्कालीन बीडीओ/कार्यक्रम अधिकारी, लेखाकार अमित श्रीवास्तव, अवर अभियंता सुजीत कुमार, तकनीकी सहायक सहरुन अहमद, अवर अभियंता लघु सिंचाई व ब्लाक प्रमुख विनोद कुमार को नोटिस जारी किया है। इन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है।
यह है प्रकरण
करनवल- मेवपुर मार्ग लोक निर्माण विभाग का है। इस मार्ग की लगभग पांच किलोमीटर की पटरी निर्माण के लिए विभाग ने क्षेत्र पंचायत करौंदीकला को अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया था। यह छह दिसंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक अनुमन्य रहा।
एनओसी की अवधि खत्म हो जाने के बाद लोनिवि की तरफ से सात अप्रैल 2022 से छह जुलाई 2022 तक की एक नई एनओसी प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना (पीएजीएसवाई) को पटरी सहित सड़क की मरम्मत के लिए जारी कर दी गई। उसे सात जुलाई 2022 से छह जुलाई 2027 तक मरम्मत की जिम्मेदारी दे दी गई।
पीएमजीएसवाई से करीब 57.67 लाख रुपये से मार्ग निर्माण किया। पांच वर्ष की अनुमानित मरम्मत लागत 34.84 लाख रुपये की स्वीकृति के साथ कार्य शुरू करा दिया गया। इसी बीच लोनिवि ने क्षेत्र पंचायत करौंदीकला को 29 से 31 मार्च 2023 तक (चार दिन) के लिए एनओसी पटरी बनाने के लिए पुन: दे दी गई।
यहां फंसा है पेंच
31 मार्च 2022 को एनओसी की अवधि समाप्त हो जाने के बाद क्षेत्र पंचायत ने 25 मई 2022 से 21 अप्रैल 2023 तक मनरेगा के तहत मस्टररोल जारी कर कार्य दर्शा सरकारी धन खाते से निकाल लिया। इस अवधि में सात अप्रैल से लेकर छह जुलाई 2022 के बीच तो कागज पर दोनों संस्थाएं एक साथ कार्य करते पाई जा रही हैं।
यह कैसे संभव है, यह सवाल आमजन के जेहन में है। जांच का विषय भी...। उपायुक्त श्रम रोजगार व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता रत्नाकर सिंह ने जांच में क्षेत्र पंचायत करौंदीकला द्वारा सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि की है।
20 को होने वाली दिशा की बैठक में फिर इस प्रकरण की उठने की संभावना को लेकर अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है।
जिला समन्वयक मनरेगा अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नोटिस का जवाब आने के बाद सरकारी धन की वसूली की रकम तय हो जाएगी। स्पष्टीकरण का इंतजार किया जा रहा है।
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