खेल-खेल में ही बुझ गया घर का चिराग, कार में दम घुटने से तीन साल के बच्चे की मौत, फूट-फूटकर रोए लोग
सुलतानपुर के एक अस्पताल में एम्बुलेंस चालक के तीन वर्षीय बेटे की कार में दम घुटने से मौत हो गई। खेलते समय बालक कार में चला गया और उमस के कारण बेहोश हो गया। अस्पताल कर्मियों ने बचाने की कोशिश की लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। परिवार पोस्टमार्टम कराए बिना शव को अमेठी स्थित अपने पैतृक गांव ले गया।

जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को बेहद दुखद घटना हुई। यहां तैनात एंबुलेंस चालक के इकलौते तीन वर्षीय पुत्र की कार में दम घुटने से मौत हो गई। यह घटना तब हुई, जब बालक खेलते-खेलते कार में घुस गया, इसके बाद निकल नहीं सका।
शुक्रवार दोपहर चालक आलोक तिवारी का पुत्र अथर्व तिवारी आवास के बाहर खेलते-खेलते अचानक गायब हो गया। परिवारजन और अस्पताल कर्मी डेढ़ घंटे तक उसकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। बाद में सीसी कैमरा की फुटेज से स्पष्ट हुआ कि वह दोपहर 2:24 बजे कार की चाबी लेकर निकला और उसमें घुस गया था।
कार बंद होने और उमस के चलते वह बेहोश हो गया। जानकारी हुई तो परिवारजन ने कार खोलकर अथर्व को बाहर निकाला। सीएचसी की इमरजेंसी में तैनात डा. सुधीर, अधीक्षक डा. सत्येंद्र सिंह, डा. विष्णु स्वरूप व डा. विवेक वर्मा ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन कार में बंद रहने से उसकी सांसें थम चुकी थीं।
इस हादसे से पिता आलोक व मां दामिनी की बगिया की उजड़ गई। परिवारजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया और शव लेकर पैतृक गांव अमेठी के रामपुर रामगंज चले गए।
फूट-फूटकर रोए कर्मी
अथर्व अपनी नटखट अदाओं और प्यारे स्वभाव के कारण यहां सभी का चहेता था। कर्मचारी दिलीप सिंह, आशीष कुमार, सूर्यलाल, पंकज, प्रियंका और आदेश सहित सभी फूट-फूटकर रोते रहे। हर किसी की जुबां पर यही था कि विश्वास नहीं होता कि अथर्व अब हमारे बीच नहीं है।
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