जिले में तेजी से फैल रहा है लंपी वायरल, चपेट में दर्जनों पशु; सूचना के बाद भी नहीं आ रहे डॉक्टर
सुलतानपुर के कई गांवों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे दर्जनों पशु प्रभावित हैं। प्रभावी उपचार के अभाव और टीकाकरण की कमी के कारण पशुपालक परेशान हैं। सरकारी चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से निजी चिकित्सकों से इलाज कराने की मजबूरी है। पशुधन प्रसार अधिकारी ने बाहर से खरीदे जा रहे पशुओं को बीमारी का कारण बताया है और साफ-सफाई पर ध्यान देने की सलाह दी है।

संवाद सूत्र, भदैंया (सुलतानपुर)। कई गांवों के पशुओं में इस समय लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। दर्जनों पशु इस समय बीमारी से ग्रसित हैं। यह वायरस जनित होने के कारण इसका प्रभावी उपचार भी संभव नहीं हो पा रहा है। इससे संक्रमित पशुओं की मौत की आशंका बनी रहती है।
बावजूद इसके महकमा पशुओं का टीकाकरण नहीं करवा पा रहा है। कुछमुछ, पखरौली, सरायअचल, भुसका गंगापुर, माड़व का पुरवा सहित अन्य गांवों में यह बीमारी फैली हुई है।
पखरौली गांव के रमाशंकर, संजय और देवी प्रसाद तिवारी सहित कई पशुपालकों के दर्जनों पशु इस बीमारी की चपेट में हैं।
निजी चिकित्सक से इलाज कराना मजबूरी
सरकारी पशु चिकित्सक के अभाव में पशुपालक निजी चिकित्सकों से पशुओं का मजबूरी में इलाज करा रहे हैं। पांडेयपुर निवासी ओमप्रकाश पांडेय ने बताया की उनकी गाय पिछले एक सप्ताह से इस बीमारी से जूझ रही है। सूचना के बाद भी पशु चिकित्सक नहीं आए।
उन्होंने बताया कि वे अब तक पांच हजार रुपये की दवाइयां खरीद चुके हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ है। करुणाशंकर ने बताया कि निजी चिकित्सक से मजबूरी में इलाज कराना पड़ रहा है।
ग्राम प्रधान धर्मराज वर्मा ने बताया कि गांव में दर्जनों पशु लंपी रोग से पीड़ित हैं, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं हो रही है।
बाहर से खरीदे जा रहे पशुओं से फैल रही है बीमारी
पखरौली गांव के पशुधन प्रसार अधिकारी अमित कुमार मिश्र ने बताया कि यह बीमारी बाहर से खरीदे जा रहे पशुओं से फैल रही है। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी है कि वे अपने पशुओं को नीम की पत्ती उबालकर हर दूसरे-तीसरे दिन नहलाएं।
साथ ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि जल्द ही लंपी रोग की वैक्सीन आने की संभावना है।
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