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    Lok Sabha Election 2024: सपा ने इस बार लगाया 'भीम' पर दांव, क्या निषाद वोटरों का जीत पाएंगे भरोसा

    Updated: Sat, 16 Mar 2024 08:14 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 भीम निषाद पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के रफीगंज के रहने वाले हैं। बिल्डर हैं। वहां जलालपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं। एमए तक की शिक्षा ग्रहण की है। चौदह साल से पार्टी में सक्रिय हैं। वर्तमान में प्रदेश सचिव हैं। इतना ही इनका परिचय है। सपा मुखिया ने सुलतानपुर अंबेडकरनगर और अयोध्या के निषाद वोटरों में पैठ बनाने के लिए ऐसा किया है।

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    सपा ने इस बार लगाया 'भीम' पर दांव, क्या निषाद वोटरों का जीत पाएंगे भरोसा

    अजय सिंह, सुलतानपुर। आखिरकार समाजवादी पार्टी ने शनिवार की शाम लोकसभा सीट के उम्मीदवार की घोषणा कर दी। पिछली बार उसने हाथी (बसपा) का साथ दिया था तो इस बार 'भीम' पर दांव लगाया है। हैरत की बात यह है कि पार्टी के स्थानीय नेता प्रत्याशी के बारे में ठीक से जानते तक नहीं।

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    माना जा रहा है कि यहां और आसपास खासकर अंबेडकरनगर व अयोध्या में निषाद वोटों को साधने के लिए सपा हाईकमान की ओर से यह दांव चला गया। यह कितना सटीक बैठता है, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन टिकट मांगने के लिए कतार में लगे जिले के नेताओं में मायूसी छा गई।

    चौदह साल से पार्टी में सक्रिय हैं भीम निषाद

    भीम निषाद पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के रफीगंज के रहने वाले हैं। बिल्डर हैं। वहां जलालपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं। एमए तक की शिक्षा ग्रहण की है। चौदह साल से पार्टी में सक्रिय हैं। वर्तमान में प्रदेश सचिव हैं। इतना ही इनका परिचय है। उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव से जानकारी चाही गई तो वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। रघुवीर यादव बोले कि टिकट हो गया है, लेकिन भीम निषाद के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

    सपा के लिए कितने फायदेमंद होंगे भीम

    इस बार यह सीट आईएनडीआईए गठबंधन होने के कारण सपा के खाते में है। पिछली बार बसपा से गठबंधन होने के चलते उसे मिली थी। बसपा ने चंद्रभद्र सिंह सोनू को चुनाव लड़ाया था, जो कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से पराजित हुए थे। इस बार बसपा साथ नहीं है। इसकी जगह कांग्रेस व अन्य दल हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि निषाद प्रत्याशी को यहां से चुनाव लड़ाना सपा के लिए कितना फायदेमंद होता है।

    निषाद वोटरों में पैठ बनाने के लिए खेला दांव

    जानकार कहते हैं कि सपा मुखिया ने सुलतानपुर, अंबेडकरनगर और अयोध्या के निषाद वोटरों में पैठ बनाने के लिए ऐसा किया है। हालांकि, उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी कार्यकर्ताओं को सहेजने की होगी। जरा सी चूक उस पर भारी पड़ सकती है।

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