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    महिलाओं को बीमारी से छुटकारा दिलाने के नाम पर कराते थे मतांतरण, पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 04:24 PM (IST)

    सुलतानपुर के जयसिंहपुर में गरीब महिलाओं को धोती कपड़े और दवा देकर ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। आरोप है कि लोगों को देवी-देवताओं के खिलाफ भड़काया जा रहा था। विरोध करने पर धमकी दी गई। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच कर रही है। हिंदू संगठनों ने इस तरह की गतिविधियों पर चिंता जताई है।

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    स्थान बदल कर बिछाया जा रहा मतांतरण का जाल।

    संवाद सूत्र, जयसिंहपुर (सुलतानपुर)। गरीब महिलाओं को धोती, कपड़ा व बीमारियों से निजात की दवा देकर मदद के बहाने उन्हें देवी-देवताओं के प्रति भड़काकर ईसाई धर्म को महान बता क्षेत्र में मतांतरण का खेल चल रहा था।

    इसकी पहले भी लोगों ने शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके परिणाम स्वरूप गिरोह के सदस्य स्थान बदलकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।

    पिछले रविवार को बगियागांव चौराहे पर पुलिस बूथ व थाने के बगल कपड़े की दुकान पर दुकानदार तुलसीराम के यहां ईसाई मशीनरी द्वारा मतांतरण कराया जा रहा था। सनातनी सुरेन्द्र यादव ने जब विरोध किया तो दुकानदार ने उन्हें धमकी देते हुए भगाने का प्रयास किया।

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    इसके बाद पहुंचे कोतवाल सत्येन्द्र कुमार ने दुकान में मौजूद कागजातों को देखा तो उसमें ईसाई धर्म से संबंधित किताबें व ईसाई धर्म का प्रचार करने वालों के नाम व मोबाइल नंबर मिले, जिसके बाद दुकान मालिक तुलसीराम को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सोमवार को जेल भेजा गया।

    पुलिस ने दिया भागने का माैका

    बिरैता पाल्हीपुर गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा हर रविवार की दोपहर गरीब महिलाओं व पुरुषों को लालच देकर उनका मतांतरण करा उन्हें ईसाई धर्म संबंधी पुस्तकें बांटी जा रही थीं। इसका विरोध हिंदू संगठन के सुरेंद्र व उनके साथियों ने किया था।

    पुलिस को लिखित शिकायती पत्र दिया, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से न लेकर आरोपितों को गांव से भागने का मौका दिया।

    बिरमलपुर गांव में मझुई नदी के किनारे स्थित मुसहर जाति के लोगों के यहां महीनों से मतांतरण का खेल चला। जानकारी होने पर वहां भी हिंदू संगठनों ने गिरोह के सदस्यों को वहां से भगाया।

    बदला मतांतरण तरीका

    पहले मतांतरण करने वाले हिंदू पुरुषों व महिलाओं तथा बच्चों का नाम बदलकर ईसाई धर्म के अनुसार रखा जा रहा था। सरकार की सख्ती व हिंदू संगठनों के विरोध को देखते हुए मिशनरी के लोग मतांतरित लोगों का नाम यथावत रखते हैं, जिससे किसी को शक न हो।

    मामले की हो रही जांच

    कोतवाल सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि तुलसीराम के यहां मिले रजिस्टर व उसमें लिखे गए नामों व मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। जो भी इसमें शामिल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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