मौसम बदलने से अस्पताल में लगी ही वायरल बुखार के मरीजों की संख्या, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
सुल्तानपुर में मौसम बदलने से वायरल बुखार के मामले बढ़ गए हैं। रविवार को ओपीडी बंद होने के कारण अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार से पीड़ित 40 से ज्यादा मरीजों को दवाएं दी गईं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण लोग बीमार हो रहे हैं और वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

संवाद सूत्र, सुलतानपुर। मौसम बदलते ही वायरल बुखार से पीड़ितों की संख्या भी बढ़ने लगी। रविवार को ओपीडी बंद होने से मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल की इमरजेंसी में दोपहर दो बजे तक 40 से अधिक बुखार पीड़ितों को दवाएं दी गईं। हालांकि इन बुखार पीड़ितों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
अस्पताल की इमरजेंसी सेवा में ज्यादातर सर्दी, खांसी व बुखार की समस्या से ग्रस्त मरीज पहुंचे। कटका के राम नरेश, गोलाघाट के सूरज, लाल डिग्गी के मानवेश, घरहा खुर्द के निजाम, कुड़वार के राजेश कुमार समेत कई पीड़ित यहां पहुंचे थे।
इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) डॉ. सूरज के अनुसार इस समय ओपीडी में खांसी और बुखार से पीड़ित रोगी बढ़ गए हैं। ऐसा मौसम में बदलाव के कारण है।
चिकित्सक के अनुसार इस समय गर्मी व उमस के बाद अचानक मौसम में बदलाव से तापमान में गिरावट हो रही है। इससे निपटने के लिए अभी शरीर को अनुकूल होने में समय लगेगा। इसलिए लोग बीमार हो रहे हैं।
अधिकतर लोग वायरल बुखार की चपेट में हैं, जो मौसम में बदलाव के कारण है। चिकित्सक के अनुसार बदलते मौसम में लोगों को विशेष तौर पर एहतियात बरतने की जरूरत है।
समस्या दिखते ही मेडिकल कॉलेज के अस्पताल पहुंचें। यहां उपचार के लिए जांच, दवाएं व भर्ती करने की पर्याप्त व्यवस्था है।
डॉ. सूरज के अनुसार कमजोर, पहले से बीमार, बुजुर्गों व बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। भोजन ताजा व गर्म प्रयोग करें। बुखार पीड़ित गुनगुना पानी पीएं। एसी या बंद कमरे में ज्यादा देर न रहें।
सीना, हाथ के पंजे व पैर के तलवे पर गुनगुना सरसों के तेल की मालिश करें। पहले से जिन मरीजों का उपचार चल रहा है, वे नियमित चिकित्सक से सलाह लेते रहें।
बच्चों को आइसक्रीम या ठंडी चीजें बिल्कुल न दें। बुखार होने पर नियमित दवाएं लें। अगर पांच दिन में आराम नहीं मिल रहा है, तो जांच के लिए चिकित्सक परामर्श देते हैं।
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