पर्यटन की संभावनाएं अपार, बस एक नजर तो घुमाइए सरकार
जागरण संवाददाता सोनभद्र पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के सपनों का स्विट्जरलैंड सोनांच

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के सपनों का स्विट्जरलैंड सोनांचल अपनी पहचान के लिए छटपटा रहा है। जरूरत है बस एक ईमानदार प्रयास की। उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला सोनभद्र है। सोनभद्र विध्य पर्वत के दक्षिण-पूर्वी सीमा में स्थित है। यहां पश्चिम से पूरब की ओर सोन नदी बहती है। सोनभद्र का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है।
यहां कई प्राचीन स्मारक, किले और इमारतें है। सोनभद्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। जिले में कई दिलचस्प स्मारक और इमारतें हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। विजयगढ़ किला, पांचवीं सदी का है। इसे कोल राजाओं ने बनाया था। इस किले को पत्थरों पर की गई नक्काशी, शिलालेख और गुफाओं पर की गई चित्रकारी के लिए जाना जाता है। अगोरी किला भी काफी विख्यात है जिसे खरवार राजाओं ने बनवाया था, बाद में इस किले पर चंदेल राजाओं ने अपना आधिपत्य जमा लिया। इसे आदिवासी किला भी कहा जाता है क्योंकि इस पर अंतिम शासक आदिवासी राजा थे।
अगोरी किला एक प्रतिष्ठित किला है जो तीन नदियों रेणु, बिजुल व सोन से घिरा है। सोनभद्र, सलखन जीवाश्म पार्क के लिए भी जाना जाता है। इस पार्क का भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व है। यहां स्थित जीवाश्म प्राचीनकाल काल के हैं। लगभग 1400 साल पुराने। इसके अलावा प्राकृतिक ²श्य के लिए मुक्खा झरना मनमोहक है।
विध्य क्षेत्र में पाई जाने वाली कई गुफा चित्रकला (भित्त चित्र) काफी अनोखे हैं। कैमूर पर्वतमाला पत्थरों की चित्रकारी के लिए जानी जाती है। यह ऐतिहासिक चित्र लगभग 4000 साल पुराने हैं। पर्यटक यहां आकर लोरिका चट्टान को भी देख सकते हैं। धार्मिक स्थलों के मामले में यहां का शिवद्वार मंदिर सबसे प्रसिद्ध है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर में 11 वीं सदी के काले पत्थर से बनी दो मूर्तियां विराजमान हैं।
चोपन ब्लाक का अबाड़ी व दुद्धी ब्लाक का जोरकहू अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बारिश का मौसम सबसे बेहतर
सोनांचल की खूबसूरती देखने के लिए सबसे आदर्श मौसम बारिश का होता है। बारिश में जिले के पहाड़ हरे-भरे हो जाते हैं जो बरबस ही अपनी तरफ सबका ध्यान आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पहाड़ों से गिरने वाले झरने जीवन की झंझावत से बहुत दूर लेकर चले जाते हैं। ऐतिहासिक इमारतें अपने गौरवशाली अतीत को समेटे हुए हैं। कुल मिलाकर अगर जिले के पर्यटन को थोड़ा बढ़ावा मिले तो निश्चित रूप से सोनभद्र की पहचान देश-दुनिया के मानचित्र पर अलग छटा बिखेरेगी। वर्जन
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पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। चुनिदा स्थलों तक आवागमन बेहतर बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए गए हैं।
--योगेंद्र बहादुर सिंह
अपर जिलाधिकारी।
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