Sonbhadra News: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कठोर कैद, पालन-पोषण के लिए ले गया था साथ
सोनभद्र जिले में एक अदालत ने रमेश नामक व्यक्ति को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला जुगैल थाना क्षेत्र का है जहाँ पीड़िता के पिता ने 2021 में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर यह फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी रमेश को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उसके ऊपर 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र स्थित एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने जुगैल थाने में 17 मार्च 2021 को दी तहरीर में बताया था कि उसे पांच बेटियां हैं, जिनमें से तीन की शादी हो चुकी है। चौथी बेटी जो कक्षा सात की छात्रा है को यह कहकर कि उसे कोई बेटी नहीं है एक बेटी उसे दे देंगे तो उसका पालन पोषण करेंगे तथा उसकी शादी विवाह भी करूंगा।
इस विश्वास पर अपनी चौथी बेटी को रमेश निवासी खरहरा टोला झरिया, थाना जुगैल को दे दिया। अपने घर उसकी नाबालिग बेटी को ले जाकर रमेश उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने लगा। जब गर्भ ठहर गया तो दवा खिलाकर गिरवा दिया। बेटी को धमकी दिया कि अगर किसी से इसके बारे में बताओगी तो जान से मार देंगे। उसके बाद बेटी को साढ़ू के घर छोड़ दिया। जहां बेटी ने अपने मौसी, मौसा के साथ ही उसे व अपनी मां को सारी बात बताई। इसके बाद सूचना दे रहा हूं। आवश्यक कार्रवाई करें।
तहरीर पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में रमेश के विरूद्ध चार्जशीट विवेचक ने दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, आठ गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रमेश को 20 वर्ष की कठोर कैद व 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर ले सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।