Sonbhadra Weather Update: शीतलहर, प्रदूषित हवा और कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें, अलाव बना आमजन का सहारा
सोनभद्र में शीतलहर, प्रदूषित हवा और कोहरे ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। शीतलहर के चलते मजदूरों, ...और पढ़ें

राबर्ट्सगंज में छाए कोहरे में जाते लोग
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। जनपद में बदरी मौसम और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल आवागमन प्रभावित हो रहा है। दिन भर हल्की धूप निकलने से ठंड और बढ़ गई है, जिसका सीधा असर जनजीवन पर पड़ रहा है।
शीतलहर के चलते मजदूरों, छोटे दुकानदारों, राहगीरों और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। बच्चों और वृद्धों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बढ़ गई है, जिससे लोग आवश्यक कार्यों के अलावा घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।
इसी बीच नगर पंचायतों द्वारा राहत के प्रयास भी किए जा रहे हैं। चोपन नगर पंचायत ने ठंड को देखते हुए बस स्टैंड, बाजार क्षेत्र, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलवाने की व्यवस्था की है। सुबह-शाम बाहर निकलने वाले श्रमिकों और जरूरतमंदों को इससे कुछ राहत मिल रही है।
दूसरी ओर अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र में ठंड के साथ-साथ वायु प्रदूषण की स्थिति भी भयावह होती जा रही है। अनपरा-शक्तिनगर के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 286 से 306 के बीच बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक माना जाता है।
मंगलवार को कुलडोमरी, अनपरा, रेणुसागर, ककरी, बांसी, जमशिला, योगीचौरा, खड़िया और शक्तिनगर में एक्यूआई इसी खतरनाक दायरे में दर्ज किया गया। सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ जा रहा है।
मानकों के अनुसार 100 से ऊपर एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। परियोजना प्रबंधनों की लापरवाही के चलते क्षेत्र के अधिकांश रहवासियों को वायु गुणवत्ता की सही जानकारी तक नहीं मिल पा रही है।
कोल और तापीय परियोजनाओं की कॉलोनियों, प्लांट के मुख्य द्वार, कार्यस्थलों और जीएम कार्यालयों के सामने एक्यूआई मापने के संयंत्र तक नहीं लगाए गए हैं।
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सिंगरौली में स्थिति भयावह, स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
सीमावर्ती मध्यप्रदेश के सिंगरौली में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। 13 दिसंबर को बैढ़न शहर में एक्यूआई 361 और 14 दिसंबर को लगभग 375 दर्ज किया गया, जो अत्यंत गंभीर श्रेणी में आता है।
प्रदूषण के मामले में ऊर्जांचल इन दिनों दिल्ली को भी टक्कर देता नजर आ रहा है। ठंड, कोहरा और प्रदूषण की इस तिहरी मार ने आमजन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, जबकि प्रभावी नियंत्रण और जागरूकता के अभाव में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।

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