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    कोडीन युक्‍त कफ सीरप मामले में भोला प्रसाद और शुभम की करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति होगी कुर्क

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 06:46 PM (IST)

    सोनभद्र में कोडीन युक्त कफ सीरप मामले में भोला प्रसाद जायसवाल और शुभम जायसवाल की करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जाएगी। कोर्ट ने कुर्की का नोट ...और पढ़ें

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    सोनभद्र में कोडीन कफ सीरप मामले में 30 करोड़ की संपत्ति कुर्क होगी।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। कोडीन युक्‍त कफ सीरप के मामले में भोला प्रसाद जायसवाल और शुभम जायसवाल की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई कभी भी हो सकती है। इस मामले में करीब 30 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने की जानकारी सामने आई है।  

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    इस बाबत कोर्ट ने कुर्की का नोटिस जारी किया है। पुलिस और एसआइटी की टीम अब कुर्की कभी भी कर सकती है। इस मामले में ईडी की जांच में करोड़ों के अवैध कारोबार की जानकारी भी सामने आई थी। सोनभद्र एसआइटी की ओर से भोला प्रसाद जायसवाल मामले की जांच भी पूरी कर ली गई है। पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि आरोपित किसी भी सूरत में बचने नहीं पाएंगे।

    कफ सिरप के अवैध कारोबार में संलिप्तता के चलते भोला प्रसाद और शुभम की संपत्ति पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर की जा रही है, जिसमें लगभग 30 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।

    पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि आरोपितों को किसी भी स्थिति में बचने का अवसर नहीं दिया जाएगा। वाराणसी पुलिस और विशेष जांच दल (एसआइटी) की टीम इस मामले में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। कुर्की की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, जिससे आरोपितों पर दबाव बढ़ेगा और उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश होना पड़ेगा।

    इस मामले में ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि कफ सीरप का अवैध कारोबार एक संगठित अपराध का हिस्सा है, जिसमें कई लोग शामिल हैं। यह जांच इस बात की पुष्टि करती है कि इस प्रकार के अवैध कारोबार से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनता है।

    भोला प्रसाद और शुभम की संपत्ति की कुर्की से यह संदेश जाता है कि कानून किसी भी अपराधी को बख्शने के लिए तैयार नहीं है। पुलिस और जांच एजेंसियों की यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि वे अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं।