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    सोनभद्र ड्यूटी पर PAC कांस्टेबल ने की आत्महत्या, मानसिक स्वास्थ्य पर उठा सवाल

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 11:34 AM (IST)

    सोनभद्र जिले में एक दुखद घटना घटी जहां ड्यूटी पर तैनात पीएसी कांस्टेबल संदीप सिंह ने अपनी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। दुद्धी कोतवाली क्षेत्र में हुई इस घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस विभाग में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बहस शुरू हो गई है।

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    सोनभद्र जि‍ले में ड्यूटी पर तैनात पीएसी कांस्टेबल ने की आत्महत्या।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के अमवार गांव में स्थित 39 वीं बटालियन की जी कंपनी में तैनात जवान 26 वर्षीय संदीप सिंह खरवार ने शुक्रवार की भोर में ड्यूटी के दौरान अपनी सर्विस गन एसएलआर से गोली मारकर आत्महत्या कर लिया। संदीप बलिया जिला के गढ़वार थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव के निवासी थे।

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    वह संदीप दोपहर बाद दो बजे से भोर में चार बजे तक संतरी ड्यूटी पर तैनात थे। पांच अगस्त को अमवार में ड्यूटी के लिए वह आए थे। एडीशनल एसपी (आपरेशन) त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि परिवार में विवाद के कारण तनाव में उन्होंने सरकारी असलहे से गर्दन पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जानकारी पर एसपी अशोक कुमार मीणा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

    स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कांस्टेबल के आत्महत्या करने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उसके परिवार में इस घटना को लेकर गहरा शोक है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वह हमेशा खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति था। किसी प्रकार की मानसिक परेशानी या तनाव का संकेत नहीं था।

    पुलिस विभाग में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल है। कई पुलिसकर्मी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या ड्यूटी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है। आत्महत्या की इस घटना ने पुलिस विभाग में एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उजागर किया है।

    इस घटना के बाद पुलिस महकमे में सभी थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नई बहस शुरू हुई है। ऐसे में पुलिसकर्मी को किसी प्रकार की समस्या है, तो उसे तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की बात पूर्व में कही जा चुकी है।

    इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या पुलिसकर्मियों के लिए पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिसकर्मियों को तनाव और दबाव का सामना करना पड़ता है, और ऐसे में उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है।

    इस दुखद घटना ने न केवल पुलिस विभाग को झकझोर दिया है, बल्कि समाज में भी आत्महत्या के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता को उजागर किया है। सभी को यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

    इस घटना की विस्तृत जांच की जा रही है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसके कारणों का पता चल सकेगा। पुलिस विभाग ने इस मामले में गहनता से जांच करने का आश्वासन दिया है।

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