By Mayakant DeoEdited By: Nitesh Srivastava
Updated: Tue, 24 Oct 2023 01:03 PM (IST)
Dussehra Puja Shami पंडित डा. लक्ष्मी नारायण चौबे ने दशहरा पर्व की पूर्व संध्या पर एक धर्म चर्चा के दौरान व्यक्त की। कहा कि शमी पेड़ों में पाप खत्म करने की शक्ति होती है। किसी भी यज्ञ या शुभ कार्य के अनुष्ठान मे शमी का पूजन व प्रयोग किया जाता है। शमी वृक्ष दृढ़ता व तेजस्विता का माना जाता है प्रतीक
Dussehra Puja Shami Plant: संवाद सूत्र, अनपरा (सोनभद्र)। विजयदशमी के दिन शमी पेड़ की पूजा (Shami Plant Worship on Dussehra) करने से सभी कार्यों की सिद्धि होने के साथ अमंगल नष्ट हो जाते हैं। दु:स्वप्नों का स्वत: निवारण हो जाता है।
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यह उद्गार अध्यात्म क्षेत्र के प्रकांड विद्वान पंडित डा. लक्ष्मी नारायण चौबे ने दशहरा पर्व की पूर्व संध्या पर एक धर्म चर्चा के दौरान व्यक्त की। कहा कि शमी पेड़ों में पाप खत्म करने की शक्ति (Shami Plant Benefit in Hindi) होती है। किसी भी यज्ञ या शुभ कार्य के अनुष्ठान मे शमी का पूजन व प्रयोग किया जाता है।
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शमी वृक्ष में अन्य वृक्षों की अपेक्षा अग्नि प्रचुर मात्रा मे विद्यमान रहती है। चौबे ने एक प्रसंग (Shami Plant Pauranik Katha) मे कहा कि गुरु आरूणि के शिष्य कौस्तेय अपनी शिक्षा की अवधि पूरी होने पर गुरु दक्षिणा देना चाहते थे। शिष्य के हठ आग्रह पर गुरु ने दस लाख लाख स्वर्ण मुद्राओं की मांग की। कौस्तेय ने निर्धनता वश दानवीर राजा रघु के यहां स्वर्ण मुद्राएं की याचना की, लेकिन राजा के पास इतनी धनराशि नहीं थी। फिर भी याचक कौस्तेय को खाली हाथ लौटाना उन्हें कत्तई मंजूर नही था।
राजा रघु ने निश्चय किया कि वे धनपति कुबेर पर आक्रमण करके याचक की समस्या का निराकरण करेगें। युद्ध के लिए रथ पर अस्त्र-शस्त्र सजा कर प्रस्थान किया गया। रास्ते मे विश्राम के लिए अपना रथ शमी वृक्ष के नीचे रोक दिया।
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अगले दिन सोकर उठे तो आश्चर्य की सीमा नहीं रही। कुबेर ने आक्रमण के भय से शमी वृक्ष के सभी पत्ते स्वर्णमय कर दिए थे। शिष्य ने गुरु दक्षिणा चुकाई। साथ ही राजा रघु का कोष भी वैभव से परिपूर्ण हो गया। शमी पेड़ की भांति दृढ़ व तेजमय हो कि भावना लेकर शमी पेड़ का पूजन करना चाहिए।
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शमी वृक्ष पर्यावरण व धार्मिक दृष्टिकोण से सबसे (Shami Plant Benefit on) उत्तम है। शमी वृक्ष दृढ़ता व तेजस्विता का प्रतीक है। इसे विशेषतर विजयदशमी के दिन अवश्य पूजन करना चाहिए।
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