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    सोनभद्र में अध‍िकारी ने की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी से छेड़खानी, डिलीवरी रूम में ग‍ि‍राकर गलत तरीके से छुआ, मुकदमा दर्ज

    By MUKESH CHANDRA SRIVASTAVAEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 04:05 PM (IST)

    सोनभद्र के रेणुकूट में एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ने अपने विभाग के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर पर छेड़खानी, जबरदस्ती और धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया ह ...और पढ़ें

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    यह घटना कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता बढ़ाती है।

    जागरण संवाददाता रेणुकूट (सोनभद्र)। एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ने अपने ही विभाग के एक अधिकारी पर छेड़खानी, जबरदस्ती और धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है। पिपरी थाना पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    पीड़िता ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 30 दिसंबर को सुबह लगभग 10 बजे म्योरपुर सीएचसी में तैनात ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राम सिंह ने उन्हें फोन कर केंद्र पर बुलाया। उन्होंने कहा कि एक चेकलिस्ट भरनी है। सूचना मिलने पर पीड़िता जल्दबाजी में केंद्र पहुंचीं।

    पीड़िता के अनुसार, चेकलिस्ट भरने के दौरान राम सिंह ने डिलीवरी से संबंधित सामान दिखाने का बहाना बनाया और उन्हें डिलीवरी रूम में ले गए। वहां पर आरोपित ने जबरदस्ती करते हुए उनके साथ छेड़खानी की, धक्का देकर उन्हें नीचे गिरा दिया और गलत तरीके से छूने लगा। पीड़िता ने किसी तरह खुद को छुड़ाया और कमरे से बाहर भागीं।

    आरोप है कि इसके बाद भी राम सिंह ने उनका पीछा किया और धमकी दी कि वह उनकी नौकरी खत्म करा देगा। पीड़िता का कहना है कि आरोपी का व्यवहार मनबढ़ किस्म का है और वह अपने पद का दुरुपयोग कर दबाव बनाने की कोशिश करता है।

    पिपरी थाना प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। उधर, सीएमओ डा. पीके राय ने कहा कि इस मामले में पीड़ितों को बुलाया गया है और सुनवाई कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

    यह घटना सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिलाओं के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। समाज में इस प्रकार की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है, ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकें और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करने में सक्षम हो सकें।