UP News: दुष्कर्म मामले में कांग्रेस सांसद को नहीं मिली जमानत, 11 मार्च को फिर होगी सुनवाई
दुष्कर्म मामले के आरोपी कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली। पीड़िता के अधिवक्ताओं ने जमानत का विरोध किया कहा कि सांसद प्रभावशाली हैं और विवेचना को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि सांसद की जमानत होने से विवेचना प्रभावित हो सकती है और न्याय प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 मार्च तय की है।
जागरण संवाददाता, सीतापुर। दुष्कर्म मामले के आरोपी कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को हाईकोर्ट से तीसरी सुनवाई में भी राहत नहीं मिली। पीड़िता की निजी अधिवक्ता पूजा सिंह और अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने गुरुवार को सांसद की जमानत याचिका के विरोध में बहस की।
कहा, सांसद प्रभावशाली हैं, इसलिए विवेचना को प्रभावित कर सकते हैं। इस पर न्यायाधीश राजेश सिंह चौहान ने अगली सुनवाई की तारीख 11 मार्च तय की है। इसी के साथ न्यायाधीश ने विवेचक को अगली सुनवाई तक हर-हाल में विवेचना दाखिल करने का भी आदेश दिया।
यह है मामला
सांसद पर 17 जनवरी को नगर कोतवाली में एक महिला ने झांसा देकर दुष्कर्म करने का मुकदमा लिखवाया था। इसके बाद सांसद की ओर से अग्रिम जमानत के प्रयास किए गए थे। उनकी अग्रिम जमानत याचिका एमपी-एमएलए कोर्ट के साथ ही हाईकोर्ट से खारिज हो गई थी।
इसके बाद नगर कोतवाली पुलिस ने उन्हें 30 जनवरी को निवास से गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह कारागार में बंद हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका डाली थी।
इस पर पहली सुनवाई 20 फरवरी हो हुई थी। इसमें अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने बहस के लिए समय मांग लिया था। कोर्ट ने उन्हें समय देते हुए सुनवाई की तारीख 24 फरवरी लगा थी।
पीड़िता की निजी अधिवक्ता पूजा सिंह ने सांसद की जमानत के लिए दिए बिंदुओं पर पीड़िता का पक्ष रखते हुए शपथ पत्र दाखिल कर दिया था। इस पर सांसद ने के अधिवक्ता रिपुदमन शाही की टीम ने शपथ पत्र पर प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का समय मांग लिया था।
कोर्ट ने उन्हें प्रति शपथ पत्र देने का समय देते हुए सुनवाई की तारीख 27 फरवरी लगा थी। सांसद के स्थानीय अधिवक्ता दीपक पांडेय ने बताया कि गुरुवार को बहस शुरू होते ही पीड़िता के अधिवक्ताओं ने जमानत मिलने से विवेचना प्रभावित होने का तर्क दे दिया।
पुलिस ने सक्रियता और बढ़ाई
हाईकोर्ट ने पुलिस को 11 मार्च तक विवेचना पूर्ण करके अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। कोतवाल अनूप शुक्ल ने बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में विवेचना की गति तेज कर दी है। इसी क्रम में जो साक्ष्य कम रह गए थे, पुलिस ने उन्हें जुटाने की जद्दोजहद कर रही है।
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