UPPCL: चार महीने में पांच नई इकाइयों से शुरू होगा इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन, यूपी को मिलेगी 2754 मेगावाट बिजली
अगले चार महीनों में उत्तर प्रदेश में पांच नई तापीय विद्युत उत्पादन इकाइयां चालू हो जाएंगी जिससे बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी। इन इकाइयों से 3300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा जिसमें से 2754 मेगावाट बिजली यूपी को मिलेगी। इससे राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी और बाधारहित बिजली आपूर्ति हो सकेगी। पावर एक्सचेंज से अधिक मात्रा में महंगे दर पर बिजली खरीदने से राहत मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। अगले चार महीने के अंदर प्रदेश में निर्माणाधीन पांच तापीय विद्युत उत्पादन इकाइयां बिजली उत्पादन से जुड़ जाएंगी। ये इकाइयां ऐसे समय में उत्पादन से जुड़ेंगी जब गर्मी के कारण राज्य में बिजली की मांग सर्वाधिक रहती है। नई इकाइयों से उत्पादन शुरू होते ही उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को बिजली की अधिक मांग के समय बिजली की उपलब्धता के लिए पावर एक्सचेंज से अधिक मात्रा में महंगे दर पर बिजली खरीदने से राहत मिलेगी।
इन पांचों इकाइयों की बिजली उत्पादन क्षमता 3300 मेगावाट है। इकाइयों के उत्पादन से जुड़ने के साथ ही राज्य में बिजली की उपलब्धता में इजाफा होगा। नई इकाइयों से उत्पादित बिजली में से 2754 मेगावाट बिजली यूपी को मिलेगी। राज्य के पास बिजली की उपलब्धता बढ़ने पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन सरकार की मंशा के मुताबिक बाधारहित बिजली की आपूर्ति कर सकेगा।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने जो तैयारियां की है उसके मुताबिक 660 मेगावाट क्षमता की जवाहरपुर की निर्माणाधीन यूनिट संख्या-दो से मार्च से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। पनकी में निर्माणाधीन यूनिट संख्या एक से अप्रैल से, ओबरा-सी की यूनिट संख्या दो से मई तथा घाटमपुर की यूनिट संख्या दो और खुर्जा की यूनिट संख्या दो से बिजली उत्पादन जून 2025 से शुरू कर दिया जाएगा। निर्माणाधीन इन सभी परियोजनाओं की उत्पादन क्षमता 660-660 मेगावाट है।
.jpg)
बिजली की उपलब्धता में इजाफा होने वाला है। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)
इसे भी पढ़ें- रायबरेली में घरेलू सिलेंडर में हुआ ब्लास्ट, दूर-दूर तक जा गिरे टुकड़े; रिसाव के कारण लगी थी आग, पड़ोसी की दीवार दरकी
पाॅवर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल के मुताबिक पनकी, जवाहरपुर, ओबरा सी, खुर्जा और घाटमपुर की निर्माणाधीन इकाइयों के चार महीने के अंदर उत्पादन से जुड़ने का लाभ राज्य की जनता को होगा। कारपोरेशन के पास भरपूर बिजली उपलब्ध रहने पर बाधारहित बिजली की आपूर्ति करने में सुविधा होगी।
दूसरी तरफ यह माना जा रहा है कि इस बार गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 32 हजार मेगावाट पार कर सकती है। पूर्व में 13 जून 2024 को राज्य में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 30618 मेगावाट की गई थी।
इसे भी पढ़ें- महाकुंभ की सफलता से गदगद हुए CM योगी, बोले- 66.21 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी; बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड
बिजली विभाग के अभियंताओं के नौकरी छोड़ने की हो समीक्षा : उपभोक्ता परिषद
पिछले दो महीने में बिजली कंपनियों के आठ मुख्य और तीन अधीक्षण अभियंताओं की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से मची उथलपुथल का असर इस गर्मी उपभोक्ताओं पर पड़ने की आशंका उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने व्यक्त की है।
.jpeg)
बिजली विभाग। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)
परिषद ने मुख्यमंत्री से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा है कि इस गर्मी प्रदेश में बिजली की मांग 32500 से 33,000 मेगावाट पहुंचने की संभावना है। प्रदेश के 3. 45 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं सुचारू बिजली मिल पाएगी या नहीं, इसके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा करना जरूरी है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का ऊर्जा सेक्टर बहुत ही विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। 35 साल से ज्यादा की नौकरी करने वाले वरिष्ठ अभियंता गर्मी के पहले वीआरएस ले रहे हैं, इस पर गंभीरता से सोचना होगा।
इस बार देश में सबसे अधिक बिजली की मांग उत्तर प्रदेश से हो सकती है। जून 2024 में उत्तर प्रदेश में अधिकतम मांग 30,618 मेगावाट पहुंच गई थी। पुराने वर्षों का आंकलन किया जाए तो 2500 से तीन हजार मेगावाट की मांग इस बार बढ़ सकती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।