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    बाघ की मौत किस बीमारी से हुई? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वजह नहीं हो सका साफ, अब IVRI बरेली भेजे गए सैंपल

    Updated: Wed, 12 Feb 2025 05:06 PM (IST)

    सीतापुर में मिले बाघ के शव का पोस्टमार्टम हुआ लेकिन पोस्टमार्टम में मौत की वजह का पता नहीं चल सका है। पशु चिकित्सकों के पैनल ने बाघ का पोस्टमार्टम किया लेकिन वे मौत का कारण नहीं बता पाए। इसके बाद बाघ के किडनी लिवर दिमाग और पेट के सैंपल आइवीआरआइ बरेली भेज दिए गए हैं। बाघ पैंथेरा टाइग्रिस प्रजाति का था।

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    पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण नहीं हो सका स्पष्ट। (तस्वीर जागरण)

    संवाद सूत्र, सीतापुर। मिश्रिख वन क्षेत्र के मधवापुर वनखंड के छिछाही गांव की खाईं के पास मंगलवार को बाघ का शव मिला था। इलसिया बाल उद्यान में जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल की निगरानी में चार पशु चिकित्सकों ने बाघ का पोस्टमार्टम किया।

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    पोस्टमार्टम में बाघ की मौत की वजह पता नहीं चल पाई। इसके बाद किडनी, लिवर, दिमाग और पेट के सैंपल आइवीआरआइ (इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) बरेली भेजे गए हैं। बाघ पैंथेरा टाइग्रिस प्रजाति का था।

    एक सप्ताह से बाघ कर रहा था चहलकदमी

    मिश्रिख के बिजुआमऊं वनखंड में पिछले एक सप्ताह से बाघ चहलकदमी कर रहा था। मंगलवार को उसका शव मधवापुर वनखंड की छिछाही गांव की खाईं के पास मिला था। वन विभाग की टीम बाघ के शव को लेकर नगर के इलसिया वन उद्यान ले आई थी।

    यहां बुधवार को जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल की निगरानी में पीलीभीत वन रेंज के मुख्य चिकित्सक डॉ. दक्ष गंगवार, पशु चिकित्सालय परसदा के डॉ. संत प्रसाद त्यागी के साथ ही डॉ. सुशील कुमार व डॉ. कदम ने पोस्टमार्टम किया।

    करीब दो घंटे की कवायद के बाद भी चिकित्सकों के हाथ कुछ नहीं लगा। चिकित्सक सिर्फ इतना ही बता पाए कि बाघ की मौत किसी जटिल बीमारी से हुई है। जटिल बीमारी का नाम नहीं पता कर पाए। इसके लिए उन्होंने किडनी, लिवर, दिमाग और पेट का नमूना आइवीआरआइ बरेली भेज दिया।

    बाघ ने एक सप्ताह से कुछ नहीं खाया था

    पोस्टमार्टम में बाघ का पेट पूरी तरह से खाली निकला। जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि बाघ ने एक सप्ताह से कुछ नहीं खाया था। पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट से लग रहा है कि बाघ को भूख नहीं लग रही थी। भूख न लगने का वजह क्या थी, इसका पता आइवीआरआइ की रिपोर्ट में ही लगेगा।

    विशिष्ट प्रजाति का था बाघ

    बाघ विशिष्ट प्रजाति पैंथेरा टाइग्रिस का था, जोकि तराई के जंगल में पाए जाते हैं। नवीन खंडेलवाल ने बताया कि संभावना है कि बाघ लखीमपुर के जंगल से भटकर यहां आया होगा। सीतापुर में बाघों का प्राकृतिक ठिकाना नहीं है।

    जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि चिकित्सकों के पैनल ने बाघ का पोस्टमार्टम किया है। मौत की स्पष्ट वजह नहीं पता लग सकी है। इसका पता लगाए जाने के लिए पेट, लिवर, किडनी और दिमाग के सैंपल आइवीआरआइ भेजे गए हैं।

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