Sitapur News: बाघ, तेंदुआ तो कहीं मिल रहे लकड़बग्घे के पैरों के निशान, दहशत में साये में लोग
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में जंगली जानवरों की अचानक सक्रियता से लोग दहशत में हैं। महोली से ऐलिया तक कठिना व सरायन नदी के आसपास बाघ घूम रहा है। वहीं पहला व सिधौली के कुंवरगड्डी के पास जंगली जानवर के पैरों के निशान मिले हैं जिनके आधार पर ग्रामीण उसे तेंदुआ बता रहे हैं। बिसवां के कोटरा के पास लकड़बग्घा का पगचिह्र मिलने की पुष्टि हुई है।

जागरण टीम, सीतापुर। जंगली जानवरों की अचानक सक्रियता से लोग दहशत में हैं। महोली से ऐलिया तक कठिना व सरायन नदी के आस पास बाघ घूम रहा है। वहीं पहला व सिधौली के कुंवरगड्डी के पास जंगली जानवर के पगचिह्र मिले हैं, जिनके आधार पर ग्रामीण उसे तेंदुआ बता रहे हैं। बिसवां के कोटरा के पास लकड़बग्घा का पगचिह्र मिलने की पुष्टि हुई है। ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से जहां कतरा रहे हैं वहीं किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं। इससे खेती का काम प्रभावित हो रहा है।
बिसवां: वन रेंज के कोटरा के पास खेतों में शनिवार को जंगली जानवर के पगचिह्र मिले थे। अलग तरह के बड़े पगचिह्र मिलने पर वन कर्मियों को बुलाया गया था। वन कर्मियों की टीम ने पगचिह्र की जांच कर लकड़बग्घा बताया था। जिसके बाद लोग दहशत में हैं। किसान नरेश ने बताया कि खेतों में काम करते समय डर रहता है, पता नहीं जंगली जानवर कब हमला कर दे। राधे ने बताया कि बच्चे स्कूल जाते हैं। इसको लेकर लोगों में दहशत है।
वन रेंजर अहमद कमाल सिद्दीकी ने बताया कि लोगों को सतर्क किया गया है। कुंवरगड्डी के लालपुर के खेतों में जंगली जानवर के पगचिह्र मिलने से लोग दहशत में हैं। ग्रामीण इसे तेंदुआ का बता रहे हैं। वनकर्मियों ने तेंदुआ की पुष्टि नहीं की है। लालपुर के सुखदेव ने बताया कि पगचिह्र बड़े आकार का है। यह किसी हिंसक जीव का ही है। वन दारोगा राम सेवक वर्मा ने बताया कि पगचिह्र किस जानवर के हैं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। लोगों को अकेले बाहर न निकलने के लिए सतर्क किया गया है।
रेउसा: नगरौली में सियार ने शनिवार को हमला कर दो बच्चों समेत एक महिला को घायल कर दिया था। बच्चे बकरियां चरा रहे थे, तभी सियार ने अचानक हमला कर दिया था। बचाने आई महिला को भी घायल कर दिया था।
ग्रामीण बता रहे तेंदुआ, वनकर्मी नहीं कर रहे पुष्टि
पहला: धौरहरा पुरवा गांव के निकट सर्वेश, धनेश, राजेश व बलवंत के खेत में कई दिन पहले जंगली जानवर के पगचिह्र मिले थे। यह पगचिह्र तेंदुआ के होने की बात कही गई थी। वहीं वनकर्मी कुछ भी स्पष्ट नहीं कर सके। पहला के किसान देशराज वर्मा ने बताया कि गेहूं, सरसों, गन्ना व सब्जियों की फसलों की देखभाल में दिक्कतें हो रही हैं। डर बना है कि पता नहीं कब हमला कर दे। पहले में भी यहां तेंदुआ की पुष्टि हो चुकी है। शारदा सहायक नहर के किनारे जंगल तेंदुआ के लिए सुरक्षित रहे हैं। राजेश ने बताया कि वनकर्मी तेंदुआ के पगचिह्र नहीं बता रहे। यह भी नहीं बता रहे किस जानवर के पगचिह्र हैं।
बाघ की सक्रियता, पिंजड़ा के पास नहीं फटका बाघ
इमलिया सुल्तानपुर: महोली के कठिना नदी से लेकर ऐलिया से निकली सरायन नदी के आसपास बाघ लगातार घूम रहा है। गन्ना, गेहूं व सरसों के खेतों में पगचिह्र मिल रहे हैं। इससे किसान दहशत में हैं। ऐसे में खेती का कार्य पिछड़ रहा है। ढोलईकला में बाघ को कैद करने के लिए पिंजड़ा तीन सप्ताह पहले लगाया गया था। पिंजड़ा में बकरी भी बांधी गई लेकिन बाघ पिंजड़ा के पास नहीं आया है।
डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि महोली व ऐलिया में नदी के आस पास बाघ की मौजूदगी है। ऐलिया में पिंजड़ा लगाया गया है। बिसवां, पहला व सिधौली इलाके में मिले पगचिह्र की जांच की गई है। लोगों को वनकर्मी सतर्क कर रहे हैं।
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