सीतापुर में बदलेगा मेहमान नवाजी का तरीका, गुलदस्ता नहीं बल्कि ये कीमती चीज देकर किया जाएगा स्वागत
सीतापुर में मेहमानों के स्वागत का तरीका बदलने जा रहा है। अब गुलदस्ता की जगह एक विशेष और कीमती उपहार देकर उनका स्वागत किया जाएगा। यह बदलाव सीतापुर की स ...और पढ़ें
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सीतापुर में बदलेगा मेहमान नवाजी का तरीका, गुलदस्ता नहीं बल्कि ये कीमती चीज देकर किया जाएगा स्वागत
जगदीप शुक्ल, जागरण सीतापुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल फार वोकल मंत्र को आत्मसात करते हुए जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने एक जिला-एक उत्पाद में चयनित दरी को लेकर नवाचार किया है।
निर्यात पर निर्भर बुनकरी कला (दरी उद्योग) की देश में भी पैठ बनाने के लिए वह अतिथियों के स्वागत का तरीका बदलने जा रहे हैं। अब जिले में अतिथियों को स्वागत में गुलदस्ता नहीं, बल्कि दरी उत्पाद दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने इसको लेकर अधिकारियों को आदेश दे दिया है।
इसके बाद उद्योग उपायुक्त संजय सिंह ने अधिकारियों को बुनकरों के नाम व फोन नंबर उपलब्ध करा दिया है। बुनकरों से संपर्क करके अधिकारी उन्हें ऑर्डर भी देने लगे हैं।
जिले का दरी उद्योग मुगलकालीन है। अवध कमिश्नरी के दौरान नवाबों को अधिकारी भेंट में खैराबाद की दरी भेजा करते थे। इस क्रम को अंग्रेज अधिकारी भी आगे बढ़ाते रहे। इससे दरी की विदेशी बाजारों में तो मांग बढ़ी, लेकिन देश की बाजार में महत्व नहीं मिला।
जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. अब दरी को देश के कोने-कोने तक पहचान दिलाने के लिए नवाचार करने जा रहे हैं। उन्होंने अतिथियों के स्वागत में दरी उत्पाद देने की योजना बनाई है।
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दिए जाएंगे यह उत्पाद
बुनकर 100 से अधिक दरी उत्पादों तैयार करते हैं। इसमें कुसन, रग्स, रनर, पूजा आसन, मैट, डाइनिंग रनर, योगा मैट, वाल हैंगिंग आदि उत्पाद हैं। यह सभी उत्पाद छोटे और आकर्षक होते हैं। इन्हें स्वागत में देने में आसानी होती है।
इन देशोंं में बिकती दरी
जापान, फ्रांस, इटली, डेनमार्क, ब्राजील, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, रूस सहित यूरोप और खाड़ी देशों जिले की दरी बिकती है। अमेरिका की ओर टैरिफ लगाए जाने के बाद निर्यातकों ने खाड़ी देशों में दरी बेचने को लेकर विशेष रणनीति बनाई है। वहां रह रहे देश के लोगों के माध्यम से दरी उत्पादों का प्रमोशन किया जा रहा है।
बाजार के मामले में भी आत्मनिर्भरता जरूरी है। जिले के बुनकरों की कला की पहचान बढ़े। इसके लिए स्वागत के तरीके में बदलाव का निर्णय लिया गया है। समय के साथ दरी उत्पादों से स्वागत करने का तरीका परंपरा बन जाएगा।
डॉ. राजा गणपति आर. जिलाधिकारी

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