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    बदला लेने को सगे भाइयों ने की थी अख्तर व मैसर की हत्या, डंडे से पीटा फिर बांका से किए थे कई वार

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:19 PM (IST)

    सीतापुर में पिता-पुत्र अख्तर और मैसर की हत्या का खुलासा हुआ है। इमलिया सुल्तानपुर के फत्तेपुर मातिनपुर में दो सगे भाइयों ने अपने पिता और भाई की हत्या ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, सीतापुर। इमलिया सुल्तानपुर के फत्तेपुर मातिनपुर में पिता-पुत्र की हत्या बदला लेने के लिए दो सगे भाइयों ने साथियों संग मिलकर की थी। पुलिस ने रविवार को दाेनों सगे भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। उनके पास से दो तमंचा व कारतूस बरामद किए गए हैं। आरोपितों ने पिता-पुत्र पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने के बाद डंडे से पीटा और फिर बांके से कई वार किए थे।

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    एएसपी दक्षिणी दुर्गेश सिंह ने बताया कि 26 दिसंबर की रात अख्तर खान व मैसर खान की गांव जाते समय रास्ते में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में अख्तर के दामाद लहरपुर के नौवापुर निवासी महफूज की तहरीर पर पुलिस ने अजय, नंगा उर्फ नागेश, तामू उर्फ रामू, विकटू उर्फ श्यामल, शिवपूजन, कामता पर हत्या का मुकदमा लिखा था।

    जांच में गांव के अजयपाल उर्फ झगड़ू व अख्तर के बीच दुश्मनी की बात पता चली थी। पुलिस ने अजयपाल उर्फ झगड़ू व उत्तम उर्फ तामू उर्फ रामू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने साथियों संग मिलकर हत्या की बात स्वीकार की है।

    पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वर्ष 2011 में मेरे पिता ठाकुर प्रसाद तथा 2020 में भाई संतोष की अख्तर व मैसर ने हत्या की थी। 40 माह तक दोनों आरोपित जेल में रहे थे। बाद में हम लोगों ने सुलह कर ली थी। इसके बाद अख्तर जेल से बाहर आ गया था। पिता व भाई की हत्या को लेकर हमारे मन में बदले की भावना सदैव बनी रहती थी।

    घटना से दो दिन पहले अख्तर और मैसर गांव में दिखे तो बदला लेने की भावना मन में भड़क गई। इसको लेकर जान बूझकर झगड़ा किया। पुलिस को सूचना दी।

    पुलिस ने दोनों पक्षों का चालान एसडीएम कोर्ट भेज दिया। वहां से जमानत पर छूटकर आने के बाद हम दोनों ने रणधीर उर्फ श्यामल उर्फ विकटू, सौरभ उर्फ नंगा, रिश्तेदार फदिलापुर के शिव पूजन के साथ मिलकर अख्तर व मैसर की हत्या की साजिश रची।

    हम दोनों के पास तमंचे थे, शिव पूजन व सौरभ के पास बांका, श्यामल व अभय डंडा से लैस थे। सभी गांव के पहले तिराहे पर छिपकर बैठ गए। जैसे ही अख्तर व मैसर तिराहे के पास पहुंचे। हमने अख्तर पर फायर कर दिया। गोली लगते ही अख्तर गिर गया, जबकि मैसर भागा, करीब 200 मीटर दूर मैसर को भी घेरकर गोली मार दी।

    गिरने के बाद दोनों को पुन: गोलियां मारीं। भाई रणधीर उर्फ श्यामल व अभय डंडे से पीटने लगे। फिर हमारे भाई सौरभ उर्फ नंगा व रिश्तेदार शिव पूजन ने बांके से ताबड़तोड़ वार किए। हत्या के बाद सभी भाग निकले थे।