रेल रूट बाधित होने से यात्री परेशान
सीतापुर : कोई बिसवां में नौकरी करता है तो कोई सीतापुर जिला मुख्यालय पर, सुबह चलने वाली प
सीतापुर : कोई बिसवां में नौकरी करता है तो कोई सीतापुर जिला मुख्यालय पर, सुबह चलने वाली पैसेंजर ट्रेनें ऐसे लोगों की यात्रा का प्रमुख साधन था। ट्रैक पर काम चलने की वजह से बुधवार व गुरुवार को दिन के दस घंटे रूट बंद रहेगा। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
ट्रैक बंद रहने की सूचना से एमएसटी धारक छात्र, नौकरी पेशा व प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता परेशान नजर आए। इनका कहना था कि बस व ट्रेन के किराए में 70 प्रतिशत का अंतर है। ऐसे में उन्हें मंहगे किराए से सफर करना पड़ेगा। महमूदाबाद, सरैंया, बिसवां आदि क्षेत्र के दैनिक यात्री इस बंदी को लेकर काफी परेशान नजर आए। उन्हें अब अन्य संशाधनों से सफर करके अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ेगा।
छात्र बोले मंहगा है किराया बिसवां के पठानी टोला निवासी आकाश वर्मा, सैफ, पैंदापुर के सत्यम त्रिवेदी, अभिषेक शुक्ला, झज्जर के शिवम पांडेय ने बताया कि वे सीतापुर में एक इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करते हैं। बिसवां से सीतापुर के लिए बस का किराया 35 रुपये है। जबकि ट्रेन का किराया 10 रुपये है। इस वजह से एमएसटी बनवा ली थी, लेकिन दो दिन ट्रेन बंद होने से अब बसों से ही सफर करना पड़ेगा। अधिवक्ता बोले वाहन तलाशन पडेंगे
बाबूपुर निवासी अधिवक्ता गया प्रसाद व सरैंया निवासी दिनेश मिश्र व मुंशी कमलेश सीतापुर में प्रैक्टिस करते हैं। इसी तरह से भदेसिया के प्रभाकर शुक्ला व शंकर गंज के रामेंद्र त्रिवेदी भी सीतापुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने आते हैं। इन सभी ने बताया कि उन्होंने एमएसटी बनवा रखी है। गया प्रसाद व दिनेश मिश्रा ने बताया की सरैंया से ट्रेन तो मिल जाती है। लेकिन सड़क मार्ग से सफर की दिक्कत होती है। सबसे कठिन काम तो सफर के लिए वाहन तलाशना है। ट्रेनों में रही मारामारी
जननायक ट्रेन जैसे ही मंगलवार को कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची, वहां मौजूद भीड़ ट्रेन में उमड़ पड़ी। सीतापुर से गोंडा जाने वाली ट्रेन में भी यात्रियों की भीड़ देखने को मिली। मंगलवार को दोपहर के वक्त आने वाली गोंडा सीतापुर व बालामऊ से बुढ़वल जाने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। इससे यात्री परेशान नजर आए।
सरैंया स्टेशन को नुकसान सरैंया रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 386 यात्री ट्रेन में सवार होते हैं। इनसे प्रतिदिन औसतन 5261 रुपये की आय होती है। इस हिसाब से दो दिनों में रेलवे स्टेशन को 10522 रुपयों का नुकसान होगा।
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