UP News: धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन का केंद्र बनेगा सीतापुर का नैमिषधाम, शासन को भेजा प्रस्ताव
Namish Dham of Sitapur नैमिषारण्य को धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए वन विभाग को जमीन हस्तांतरित करने को डीएम के माध्यम से शासन को भेजा गया प्रस्ताव। परिकल्पना को साकार करने में जुटा वन विभाग मिश्रिख तहसील के ठाकुरनगर में चिन्हित की गई 12.14 हेक्टेयर भूमि।
सीतापुर, [जगदीप शुक्ल]। अयोध्या, काशी और मथुरा की तरह नैमिषधाम को विकसित करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को मूर्त रूप देने की कवायद जारी है। वन विभाग ने नैमिषारण्य को धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन का केंद्र बनाने की परिकल्पना तैयार की है। इसके तहत एक बड़े क्षेत्रफल में ऋषियों-मुनियों, वेद, पुराण, उपनिषदों के नाम पर भी पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही उनसे संबंधित जानकारी भी अंकित कराई जाएगी। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण मिलने के साथ ही नैमिषारण्य के महत्व, ऋषि-मुनियों और धार्मिक ग्रंथों के संबंध में जानकारी मिल सकेगी। इसके जमीन चिन्हित कर वन विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
ठाकुरनगर ग्राम पंचायत में चिन्हित की गई जमीन
प्रभागीय वनाधिकारी बृज मोहन शुक्ल ने बताया कि नैमिषधाम को धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बड़े भू भाग की जरूरत होगी, जिसमें हजारों की संख्या में पौधे रोपे जा सकें। इसके लिए गोमती नदी के पास ठाकुरनगर ग्राम पंचायत की 12.14 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। इसे वन विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया है।
जमीन मिलने के बाद यहां धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन केंद्र बनाने कार्ययोजना तैयार की जाएगी। महर्षि दधीचि सहित 88 ऋषियों की तपोस्थली होने के कारण उनकी स्मृतियों को पौधों के रूप में संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा वेद, पुराण, उपनिषद आदि के नाम पर पौधे रोपकर अलग-अलग गैलरी बनाई जाएगी। इसके लिए आर्किटेक्ट की भी मदद ली जाएगी। साथ ही इनके संबंध में जानकारी भी अंकित कराई जाएगी।
धार्मिक संदर्भों से जुड़ेगी पारिस्थितिकी
डीएम अनुज सिंह ने बताया कि धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन केंद्र अपने आप में विशिष्ट होगा। इसमें पारिस्थितिकी को धार्मिक संदर्भों से जोड़ा जाएगा। नैमिषारण्य के धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां उस काल के भी पौधे भी रोपे जाएंगे, जोकि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। इसके माध्यम से धार्मिक, स्थानीय वन्य जीवन, पर्यावरण और स्थानीय निवासियों को संरक्षण देने का प्रयास किया जाएगा।
नगर पंचायत की 12.14 हेक्टेयर जमीन चिन्हित
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि नैमिषारण्य के धार्मिक महत्व को देखते हुए ठाकुरनगर नगर पंचायत की 12.14 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई, जाेकि कृषि विभाग की है। इसे वन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही तीर्थ के धार्मिकव वैदिक महत्व के अनुरूप यहां धार्मिक पारिस्थितिकी पर्यटन केंद्र बनाने की कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी।