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    Madurai Train Fire: ‘हाय भैया अंकुल कौन साइत घर से निकरे रहव...’, रात के सन्नाटे को चीरती रही मां की चीखें

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 06:10 PM (IST)

    ‘हाय भैया अंकुल कौन साइत घर से निकरे रहव...’ यह शब्द कहते ही शनिवार रात लगभग दस बजे मदुरई हादसे में मौत का शिकार हुए आलमनगर के अंकुल की मां मधु बेसुध होकर गिर गईं। इसी दौरान कोई रिश्तेदार आ गया उसे देखकर अंकुल की पत्नी मालती दहाड़ मारकर विलाप करने लगीं। करीब रात 11 बजे आदर्श नगर सेक्टर एक की गलियों में सन्नाटा पसरा था।

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    सीतापुर: रात में नई बस्ती में विलाप करते मृतक अंकुल के परिजन।

    सीतापुर, जागरण टीम: ‘हाय भैया अंकुल कौन साइत घर से निकरे रहव...’ यह शब्द कहते ही शनिवार रात लगभग दस बजे मदुरई हादसे में मौत का शिकार हुए आलमनगर के अंकुल की मां मधु बेसुध होकर गिर गईं। इसी दौरान कोई रिश्तेदार आ गया उसे देखकर अंकुल की पत्नी मालती दहाड़ मारकर विलाप करने लगीं। करीब रात 11 बजे आदर्श नगर सेक्टर एक की गलियों में सन्नाटा पसरा था। मिथिलेश और शत्रुदमन के घरों से आ रहीं सिसकियां सन्नाटे को चीर रही थीं।

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    हादसे का शिकार हुए ट्रैवल एजेंसी संचालक हरीश भसीन के प्रेम नगर स्थित निवास पर मोहल्ले के लोग और रिश्तेदार बैठे थे। उनकी पत्नी अनीता की आंखों से आंसू टपक रहे थे। उनकी दुखी निगाहें घर के चारों कोनों को निहार रही थीं। 

    भाई को याद कर रो पड़ी बहन

    कांशीराम कॉलोनी के दीपक कश्यप के घर से रुक-रुककर दहाड़ा मारकर रोने की आवाज आ रही थी। कभी मां बिट्टो तो कभी बहन पूजा दीपक की बातों को याद करके रो रही थीं। दीपक के पिता राजू कश्यप और भाई अर्पित बिट्टो और पूजा को सांत्वना देते-देते स्वयं फफकी मारकर रोने लगते थे।

    पड़ोसियों का चाय पानी रखा ही रह गया

    दुख की घड़ी में हादसे के शिकार लोगों के परिजनों को पड़ोसियों ने न सिर्फ ढांढस बंधाया बल्कि चाय-पानी का भी इंतजाम किया। हालांकि, दुखी परिजनों अपनों के गम में कुछ खाया औ न ही पिया। पड़ोसियों की ओर से लाया गया चाय, पानी, बिस्कुट आदि वैसा ही रखा रह गया है। रोते-बिलखते परिवारीजन बार-बार बेसुध होकर गिर रहे थे। रिश्तेदार और पड़ोसी पानी के छींटे मारकर उन्हें उठा रहे थे।

    फोन करके पल-पल की लेते रहे लोकेशन

    मदुरई से शनिवार देर शाम दो एंबुलेंस से शव चेन्नई के लिए भेजे गए। चेन्नई से हवाई जहाज से शव लखनऊ आए। हादसे में शिकार हुए लोगों के परिजन बार-बार शव के साथ आ रहे लोगों को फोन करके लोकेशन ले रहे थे। वहीं, कुछ लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से फ्लाइट की लोकेशन देख रहे थे।

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