पत्रकार हत्याकांड में बड़ा खुलासा, राघवेंद्र जानता था पुजारी की करतूतों का सच! इसलिए उतारा मौत के घाट
Journalist Raghavendra Murder दैनिक जागरण के महोली के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का गुरुवार को पुलिस ने 34 दिन बाद अनावरण कर दिया। बाबा के मंदिर में रहने वाले एक किशोर से अवैध संबंध थे। इसकी जानकारी पत्रकार हो गई थी। पुलिस को आशंका है कि इसी के चलते राघवेंद्र की हत्या करवाई गई थी। विस्तार से पढ़ें पूरी खबर।

संसू, जागरण, सीतापुर। Journalist Raghavendra Murder: दैनिक जागरण के महोली के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का गुरुवार को पुलिस ने 34 दिन बाद अनावरण कर दिया। महोली इलाके के एक मंदिर के कथित बाबा ने राघवेंद्र की हत्या भाड़े के शूटरों से कराई थी। बाबा के मंदिर में रहने वाले एक किशोर से अवैध संबंध थे। इसकी जानकारी पत्रकार हो गई थी।
पुलिस का दावा है कि बाबा को आशंका थी कि कहीं राघवेंद्र उसकी करतूत को उजागर न कर दें। पुलिस ने बाबा समेत शूटरों से संपर्क कराने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार करके जेल भेजने की कार्रवाई की है। शूटरों की तलाश की जा रही है।
पत्नी को पुलिस पर यकीन नहीं
उधर, राघवेंद्र की पत्नी रश्मि बाजपेयी को पुलिस के अनावरण पर यकीन नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि घटना में बाबा की संलिप्तता पर वह सवाल नहीं खड़े करतीं। इसमें कई अन्य प्रभावशाली लाेग भी शामिल हैं, जिन्होंने बाबा को मोहरा बनाकर घटना कारित करई है। वह मुख्यमंत्री से मिलकर सीबीआइ जांच की मांग करेंगी।
लखनऊ-बरेली हाईवे के हेमपुर ओवरब्रिज पर पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि एक मंदिर के कथित बाबा रामकोट के अहाता कप्तान हबीबपुर के विकास राठौर उर्फ शिवानंद ने राघवेंद्र की हत्या कराई थी। बाबा समलैंगिक हैं। वह, मंदिर के एक किशोर सेवादार के साथ संबंध बनाते थे, जिसे राघवेंद्र ने देख लिया था।
बाबा को डर था कि राघवेंद्र कहीं इसे सार्वजनिक न कर दें। राज खुलने और बदनामी की आशंका के चलते उसने राघवेंद्र को रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने इमलिया सुलतानपुर के रामपुर नयागांव के निर्मल सिंह व हरिकिशनपुर के असलम गाजी से संपर्क कर हत्या के लिए चार लाख की सुपारी दी थी। इन दोनों ने ही शूटरों से संपर्क कराया। इसके बाद शूटरों ने रेकी करके राघवेंद्र की हत्या कर दी।
घटना के उद्देश्य और साक्ष्यों का मिलान नहीं
पुलिस ने अनावरण में बाबा की स्वीकारोप्ति के आधार पर ही अधिकांश साक्ष्य पेश करने का प्रयास किया है। इसमें पुलिस कई जगहों पर चूक गई है। पुलिस का दावा है कि बाबा ने अपनी करतूत के सार्वजनिक होने से डर से राघवेंद्र की हत्या करवाई। उधर, पुलिस के पास इससे संबंधित कोई आडियो व वीडियो नहीं है, जबकि राघवेंद्र को मोबाइल अब भी पुलिस के पास है।
ऐसे गहराया शक
एसपी ने बताया कि राघवेंद्र की हत्या के बाद दोपहर 03.40 बजे विकास राठौर ने अपने एक करीबी को फोन कर बताया कि आज एक बड़ा काम हो गया है..चलो पार्टी करते हैं। इसके बाद उसके साथ विभिन्न स्थानों पर जाकर शॉपिंग करने के लिए गए और नगर के एक होटल में रात बिताई। इस दौरान छह बीयर का भी सेवन किया गया। साथ ही विकास ने अग्रिम जमानत के लिए एक अधिवक्ता से भी संपर्क किया था, जबकि तब तक उस पर कोई मुकदमा नहीं था। इससे शक और गहरा हो गया।
पुलिस ने हत्या की साजिश रचने बाबा और हत्यारों का प्रबंधन कराने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। शूटरों की तलाश के लिए स्पेशल टास्क फोर्स के साथ ही जिला पुलिस की टीम गैरप्रांत डेरा डाले हैं। जांच चल रही है। - चक्रेश मिश्र, पुलिस अधीक्षक
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