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    पत्रकार राघवेंद्र हत्याकांड की जांच को पांच सदस्यीय SIT गठित, 8 मार्च को हुई थी हत्या

    Updated: Tue, 20 May 2025 06:29 PM (IST)

    सीतापुर में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने एसआईटी का गठन किया है। परिवार ने पहले की ज ...और पढ़ें

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    सीतापुर में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी (File Photo)

    संवादसूत्र, सीतापुर। दैनिक जागरण के महोली के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड को लेकर पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने एसआइटी (विशेष जांच टीम) गठित कर दी है।

    इस में टीम दो अपर पुलिस अधीक्षक और दो क्षेत्राधिकारी के साथ ही एक निरीक्षक शामिल हैं। विशेष जांच टीम प्रचलित विवेचना पर निगाह रखने के साथ ही साक्ष्यों के संकलन और उनके प्रमाणीकरण पर काम करेगी।

    पत्रकार राघवेद्र बाजपेयी की लखनऊ-बरेली हाईवे के हेमपुर ओवरब्रिज पर आठ मार्च को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

    घटना के 34 दिन बाद 10 अप्रैल को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने घटना का अनावरण किया था। इसमें एक मंदिर के कथित पुजारी विकास राठौर उर्फ शिवानंद, निर्मल सिंह और असलम गाजी को जेल भेजा गया था।

    बताया गया था कि शिवानंद के आश्रम में रहने वाले एक किशोर से संबंध थे। इसकी जानकारी राघवेंद्र को थी। पुजारी ने करतूत उजागर होने के डर से निर्मल और असलम गाजी के माध्यम से भाड़े के शूटर बुलाकर राघवेंद्र की हत्या करवा दी थी।

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    उधर, राघवेंद्र के परिवारजन ने पुलिस के अनावरण पर सवाल उठाए थे। अनावरण के कुछ दिन बाद पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र का तबादला हो गया था।

    इसके बाद राघवेंद्र की पत्नी रश्मि बाजपेयी, पिता महेंद्र बाजपेयी और माता किरन बाजपेयी ने नवागत पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा था। पुलिस अधीक्षक उन्हें विशेष जांच टीम गठित करने का भरोसा दिया था। अब उन्होंने विशेष जांच टीम का गठन भी कर दिया है।

    पीड़ित परिवार को नहीं मिली आर्थिक सहायता

    परिवार में राघवेंद्र एकलौते कमाने वाले थे। उनके पिता महेंद्र बाजपेयी लंबे समय बीमार हैं। उनका लखनऊ के एक अस्पताल से इलाज चलता है। वहीं, उनका बेटा आराध्य और बेटी अस्मिता निचली कक्षाओं के विद्यार्थी हैं। राघवेंद्र की मौत के बाद से परिवार चहुंओर मुसीबतों से घिर गया है।

    बावजूद इसके अभी पीड़ित परिवार को शासन-प्रशासन की ओर से किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली है। परिवार सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से भी मिलकर अपना दर्द साझा कर चुका है जिस पर आश्वासन भी मिला है।

    राघवेंद्र हत्याकांड की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है। प्रत्येक साक्ष्य का बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है।

    अंकुर अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक।

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