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मिलता अनुदान, औद्यानिक खेती से खुशहाल होंगे किसान

जितेंद्र अवस्थी सीतापुर परंपरागत के बजाय औद्यानिक खेती किसानों को खुशहाल बना रही है। उ

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 11:09 PM (IST)
मिलता अनुदान, औद्यानिक खेती से खुशहाल होंगे किसान

जितेंद्र अवस्थी, सीतापुर :

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परंपरागत के बजाय औद्यानिक खेती किसानों को खुशहाल बना रही है। उद्यान विभाग की ओर से फसल पर अनुदान का लाभ भी दिया जाता है। फायदा देख किसानों का झुकाव भी औद्यानिक खेती की ओर बढ़ा है।

लहरपुर, बेहटा, रामपुर मथुरा, सिधौली, गोंदलामऊ, महमूदाबाद, रेउसा, सकरन आदि ब्लाकों के किसान इस खेती से लाभ कमा रहे हैं। केला, आम, अमरूद, कटहल के अलावा सब्जी व फलों की खेती में किसान अनुदान योजना का लाभ पा रहे हैं। जिले में केले की खेती करने वाले किसानों की संख्या में अधिक इजाफा हुआ है। जिला उद्यान अधिकारी सौरभ श्रीवास्तव के मुताबिक, औद्यानिक खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। समय से रजिस्ट्रेशन कराकर अनुदान योजना का लाभ ले सकते हैं।

किस फसल पर कितना अनुदान

- केले की फसल पर पहले वर्ष प्रति हेक्टेयर 30738 रुपये का अनुदान है। दूसरे वर्ष में किसान को 10246 रुपये कर अनुदान मिलता है। एक किसान अधिकतम चार हेक्टेयर खेती पर अनुदान पा सकता है।

- आम की फसल पर तीन वर्ष तक अनुदान दिया जाता है। पहले वर्ष 7650 रुपये, दूसरे 2550 व तीसरे वर्ष अगर 90 फीसद पौधे जिदा हुए तो 2550 रुपये का अनुदान दिया जाता है।

- अमरूद की खेती करने पर पहले वर्ष 11502, निर्धारित शर्तें पूरी होने पर दूसरे व तीसरे वर्ष 3834 रुपये अनुदान का भुगतान किया जाता है।

कटहल की खेती करिए, मिलेगा अनुदान

- कटहल, संतरा, नींबू व आंवला की खेती पर भी इस वर्ष अनुदान मिलेगा। इन फसलों का लक्ष्य भी तय हो गया है। कटहल की खेती पर प्रति हेक्टेयर 18000 रुपये का अनुदान है और जिले का लक्ष्य आठ हेक्टेयर खेती का है। नींबू की खेती पर 19198 रुपये व आंवला की खेती पर प्रति हेक्टेयर 12002 रुपये मिलते हैं।

क्या करें किसान

मिशन प्रभारी घनश्याम सिंह का कहना है कि, अनुदान का लाभ पाने के लिए किसान को आनलाइन आवेदन करना होता है। अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाता है। धनराशि मिलते ही किसानों को अनुदान राशि भेज दी जाती है।

वर्जन

केला, आम, अमरूद, नींबू आदि की खेती पर किसानों को अनुदान मिलता है। किसानों का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होता है।

- घनश्याम सिंह, मिशन प्रभारी

अनुदान वाली फसलों के लिए किसानों को विभागीय वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होता है। चयनित किसानों को अनुदान की धनराशि भेजी जाती है।

- सौरभ श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी


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