UP News: ऐसे तो सांस लेना हो जाएगा दुश्वार, दिन-रात हरे पेड़ों की धड़ल्ले से हो रही कटान; वन विभाग और पुलिस खामोश
बिना परमिट कटान पर वन विभाग व पुलिस की खामोशी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है। मामला बुड्ढी खास गांव का है। यहां गांव के उत्तर तरफ जंगल जैसे बाग पर वन माफियाओं की नजर है। हरे पेड़ों को काट कर इसका व्यापार किया जाता है। हरे पेड़ों की कटान की जा रही है। विभाग संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बिस्कोहर। क्षेत्र में दिन हो या रात हरे पेड़ों की कटान धड़ल्ले से हो रही है। बिना परमिट कटान पर वन विभाग व पुलिस की खामोशी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है। तहसील क्षेत्र में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं। इनकी मनमानी के आगे जिम्मेदार बेबस हैं।
सरकार पर्यावरण को लेकर संजीदा है और पौधारोपण के जरिये हरियारली को बढ़ाने का प्रयास करती है, पर लकड़ी के ठीकेदार हरियाली को नष्ट करने पर उतारू हैं। त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र में इन दिनों बगैर परमिट हरे-भरे आम के पेड़ों पर आरा चल रहा है। पर्यावरण संतुलन के लिए पौध रोपण कराया तो जाता है, लेकिन पेड़ों की कटान पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
ताजा मामला बुड्ढी खास गांव का है। यहां गांव के उत्तर तरफ जंगल जैसे बाग पर वन माफियाओं की नजर है। हरे पेड़ों को काट कर इसका व्यापार किया जाता है। नियमत: हरे पेड़ों की कटान प्रतिनबंधित है, इसकी परमिट भी नहीं दी जा सकती है। इसके बाद भी हरे पेड़ों की कटान नहीं रुक रही है। विभाग संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रहे हैं।
जांच कराते हैं, अगर बिना परमिट पेड़ कट रहे हैं तो आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। हरे पेड़ों की कटान किसी भी स्थिति में क्षम्य नहीं है। - अजय शंकर शुक्ला, वन क्षेत्राधिकारी, डुमरियागंज
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