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    अब उर्वरक की कालाबाजारी पर लगेगा डिजिटल ताला, अवैध बिक्री रोकने की तैयारी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:22 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर में उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग ने पीओएस मशीनों को जियो फेंसिंग से जोड़ा है। अब मशीन दुकान की सीमा से बाहर जाने पर नेटवर्क बंद हो जाएगा। इससे उर्वरक की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी और किसानों को उचित मूल्य पर खाद मिल सकेगी। निरीक्षण में 57 दुकानों पर रात में खरीद दिखाई गई थी, जिस पर आपत्ति जताई गई।

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    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जिले में लगातार बढ़ती शिकायतों और किसानों की वास्तविक जरूरतों को देखते हुए कृषि विभाग ने उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब जिले की सभी उर्वरक दुकानों पर लगी पीओएस मशीनें जियो फेंसिंग सिस्टम से जुड़ी रहेंगी। मशीन दुकान की सीमाओं से 50–100 मीटर भी बाहर गई तो उसका नेटवर्क तुरंत बंद हो जाएगा और उर्वरक की बिक्री स्वतः रुक जाएगी।

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    कृषि विभाग का मानना है कि कई दुकानदार दुकान से दूर जाकर मशीन चलाते थे, जिससे कालाबाजारी और अवैध बिक्री को बढ़ावा मिलता था। जियो फेंसिंग लागू होने के बाद अब दुकान के अलावा किसी अन्य स्थान से उर्वरक बेचना संभव नहीं रहेगा। विभाग के अनुसार इससे वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और किसानों को समय से उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराना आसान होगा।

    जिले की निजी व सहकारी सभी उर्वरक समितियों के पीओएस मशीनों की जियो फेंसिंग शुरू कर दी गई है। विभाग ने संबंधित दुकानदारों को स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित लोकेशन से बाहर बिक्री की कोशिश पर मशीन लॉक हो जाएगी और नेटवर्क सर्वर तुरंत कट जाएगा। ऐसे में ग्राहक को खाद देने की प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो सकेगी।

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    कृषि विभाग ने बताया कि नए सिस्टम के बाद किसी दुकान का स्टाक और बिक्री का लोकेशन मिलान आसानी से संभव होगा। पहले पोर्टेबल मशीन होने के कारण इसका दुरुपयोग आसान था, लेकिन अब यह लूपहोल पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

    तीन दिन पहले रात में दिखाई गयी थी 57 दुकानों में खरीद

    केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी नीति आयोग व अपर सचिव उर्वरक विभाग, भारत सरकार अनीता सी मेश्राम ने जिले में कृषि की समीक्षा के दौरान पाया था कि 57 दुकानों पर ई-पास मशीन से रात में खरीद दिखाई गयी थी। इस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज की थी कि रात में जिले में कौन सी खरीद हो रही है। उर्वरक लेते समय ई-पास मशीन पर पहले किसान का अंगूठा लगता है। उसके बाद ही उसे उर्वरक मिल सकता है, लेकिन उनके निरीक्षण में पता चला कि 57 दुकानों से उर्वरक रात में खारिज की गयी है, जबकि रात में उर्वरक की बिक्री होती ही नहीं है।

    यदि किसी किसान को खरीदारी में कोई समस्या आती है, या कोई दुकानदार मनमानी करता है, तो किसान सीधे कंट्रोल रूम (05544–297271, 9935260276) पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। विभाग किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और डिजिटल निगरानी से कालाबाजारी अब बिल्कुल नहीं चल पाएगी।

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    -मुहम्मद मुज्जमिल, जिला कृषि अधिकारी